जानिए RBI का न्यू प्लान, कैसे मिलेगा ULI से मिलेगा खटाखट लोन?
ULI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस पेमेंट ने कैश और कार्ड रखने की आवशयकता को कम कर दी है. पेमेंट करना हो तो जेब से मोबाइल फोन निकाला और कुछ ही सेकेंड में पैसे पेमेंट या ट्रांसफर हो जाता है.
यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट की दिशा में क्रांति ला दी है. इधर बटन दबाते ही पेमेंट डन...अब ऐसा ही क्रांतिकारी बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लोन के लिए लाने जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई के तर्ज पर ULI लाने जा रहा है.
लोन सेक्टर के काम को आसान बनाने और लोन मिलने में लगने वाले समय को कम करने के साथ-साथ बैंकों के चक्कर काटने के झंझट को खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ULI का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है.
रिजर्व बैंक की ULI आधार ई-केवाईसी, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड, पैन वैलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर के अलग-अलग सोर्सेज के डेटा के बीच तालमेल बैठा कर लोन की प्रक्रिया को आसान बना देगा.
इसकी मदद से क्रेडिट और लोन के प्रोसेस को आसान बनाएगा और उसमें तेजी आएगी. RBI डिजिटल क्रेडिट के जरिए बड़े बदलाव लाने की तैयारी में है. यूपीआई के बाद आरबीआई अब यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस लॉन्च करेगा.
ULI के जरिए लोन देने की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. इसका फायदा सबसे ज्यादा छोटे कारोबारियों और उद्योगों को होगा. इसका फायदा छोटा लोन लेने वालों को होगा.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बारे में कहा कि आरबीआई ने अपनी लेटेस्ट तकनीकी पहल ULI का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है. जल्द ही इसे देशभर में लागू किया जाएगा. इसके लागू होने के साथ ही कर्ज लेना और बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिए लोन बांटना आसान हो जाएगा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस प्लेटफॉर्म की खासियत बताते हुए कहा कि इस ऐप में अलग-अलग राज्यों के लैंड रिकॉर्ड समेत दूसरी डिटेल होंगे. इसके जरिए छोटे और ग्रामीण इलाकों में कर्ज लेने वालों के लिए लोन के अप्रूवल में आसानी होगी.
आरबीआई गनर्वर ने बताया कि ULI डिजिटल डेटा मुहैया कराता है,जिसके में काजगी कार्रवाई की बहुत कम जरूरत होती है. लोन लेने वालों के लैंड रिकॉर्ड ऐप में मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से वैल्यूएसन लगाने के लिए दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया आसान हो जाती है.
इस ऐप के इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये अलग-अलग सोर्सेज से जानकारी जुटाता है. जिसके चलते लोन के लिए आवेदन करने में बहुत अधिक दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है.
यह ऐप लोन लेने वाले ग्राहक के आधार, पैन कार्ड, E-KYC, लैंड रिकॉर्ड, अकाउंट आदि की जरूरी जानकारी अलग-अलग सोर्सेस से कम समय में जुटा लेता है.
लोन लेने वाले के फाइनेंशियल डेटा को कम समय में आसानी से चेक किया जा सकेगा. इस ऐप की मदद से लोन देने की जटिलता को कम किया जा सकेगा.
फटाफट लोन के चक्कर में कई लोग फंस जाते हैं और फिर ब्याज के जंजाल में ऐसा उलझते हैं कि उससे निकल पाने में लोगों की हालत खराब हो जाती है. छोटे पर्नसल लोन के नाम पर बाजार में सैकड़ों ऐप हैं, जो लोगों को पहले लोन के जाल में फंसाते हैं.
बाद में मुसीबत बन जाता है. RBI के ULI की मदद से लोगों करो इंस्टेंट लोन के चंगुल से बचने में मदद मिलेगी. लोगों को जल्द लोन मिल सकेगा. आसानी से लोन मिलने पर लोग इंस्टेंस लोन ऐप्स बांटने वालों के चंगुल में नहीं फंसेंगे.