क्‍या होता है RDX और कैसे पड़ा इसका नाम, पहली बार कब हुआ था इस्‍तेमाल?

RDX का नाम सुनते ही दिमाग में बम, धमाका और जंग जैसे शब्द उभर आते हैं.

ऐसे में सवाल ये है कि यह नाम आया कहां से? और क्यों इसे RDX जाता है, क्‍योंकि केमिस्ट्री में तो इसका नाम कुछ और ही है

RDX का पूरा रासायनिक नाम हेक्साहाइड्रो-1,3,5-ट्रिनाइट्रो-1,3,5-ट्रायजीन(Hexahydro-1,3,5-trinitro-1,3,5-triazine) है.

यह सफेद, गंधहीन और बेहद शक्तिशाली विस्फोटक है, जो कई तरह के सैन्य और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है.

बता दें कि 1930 के दशक में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इसे Research Department Explosive के रूप में तैयार किया था.

उस समय इसका कोड नेम रखा गया था R.D.X. यानि Research Department X, जहां X का मतलब था एक्सप्लोसिव.

कुछ रिपोर्टों में इसे Royal Demolition Explosive भी कहा गया, जो ब्रिटिश नौसेना के उपयोग से जुड़ा था.

रॉयल शब्द ब्रिटिश रॉयल नेवी के योगदान को दर्शाता है, जिसने इसे अपने विस्फोटक विध्वंस अभियानों में अपनाया था.

वहीं डिमोलिशन यानी विध्वंसक और एक्सप्लोसिव यानी विस्फोटक, इन दोनों शब्दों ने मिलकर इसे RDX नाम दिया.

जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसी पदार्थ का इस्तेमाल अपने हथियारों में किया था, जिसे हेक्सोजन के नाम से जाना गया.

आज भी RDX दुनिया के सबसे घातक और स्थिर विस्फोटकों में गिना जाता है. वहीं, इसका अकेले इस्तेमाल करना खतरनाक होता है.