आखिर शाम में ही क्यों की जाती है शनि देव की पूजा, जानिए रहस्य

शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उनको फल देते हैं. 

जो अच्छे कर्म करते हैं उन पर शनि देव की कृपा दृष्टि बरसती है. वहीं, बुरे कर्म करने वालों को वो कठोर दंड देते हैं.

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शास्त्र के अनुसार शनि देव का संबंध सांध्यकाल से हैं. 

शनि देव की पूजा शाम 6 बजे ही करनी चाहिए. ये समय उनका प्रिय काल है. इस समय पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं.

दरअसल, इस दौरान ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संतुलन होता है और शनि की शक्ति सबसे अधिक प्रभावी रहती है.

इसलिए शाम के वक्त की गई पूजा सीधा प्रभाव डालती है और भक्त की प्रार्थना शनिदेव तक जल्द पहुंचती है.

दिन का समय सूर्य देव कि प्रधानता का होता है और शनि देव सूर्य के पुत्र होने के बाद भी उनसे विपरीत चलते हैं.

जिसके कारण दिन में शनि देव की पूजा करने से लाभ कम मिलता है और सूर्य अस्त के बाद शनिदेव की शक्ति जागृत होती है.

इसीलिए शाम के समय शनि मंदिर में दीपक जलाना, तिल का तेल चढ़ाना, और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.