इस रविवार बन रहा विडाल योग का संयोग, कर लें ये खास उपाय

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि रविवार को पड़ रही है और विडाल योग का संयोग भी बन रहा है. 

इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे. इस तिथि को विशेष पर्व नहीं है, लेकिन आप दिन के हिसाब से रविवार का व्रत रख सकते हैं.

अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार व्रत रखने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इस व्रत की शुरुआत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को की जाती है और 12 रविवार व्रत रखने के बाद उद्यापन कर दें.

रविवार का व्रत विधि-विधान से करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म, स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें.

इसके बाद चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. 

मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र 'ऊं सूर्याय नमः' या 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है. 

रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है. इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है.

विडाल योग को एक अशुभ योग माना जाता है. इस योग में सगाई, विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि कार्य सफल नहीं होते या उनमें देरी होती है और शारीरिक तथा मानसिक कष्ट भी हो सकता है.