देवउठनी एकादशी पर करें ये चमत्कारी उपाय, दूर होंगे सभी संकट
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देव उठनी एकादशी के दिन देवता जग जाते हैं. इस दिन श्रीहरि विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागृत होते हैं.
इस दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. इस दिन तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह होता है एवं उनकी पूजा होती है.
इसके साथ ही देवउठनी एकादशी पर ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से हमारे जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएगी.
इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 01 नवंबर को रखा जाएगा.
देवउठनी एकादशी पर सूर्योदय से पहले घर की साफ-सफाई कर लें. साथ ही तुलसी के पौधे के नीचे गाय के गोबर से लिपाई करें.
इस दिन नहाने के पानी में हल्दी मिलाकर उसी पानी से स्नान कर लें. इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.
इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की तस्वीर तुलसी माता के पौधा के नीचे रखें, उसके बाद मंत्र- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का जाप करें.
साथ ही श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन इस पूजा उपाय को करने से भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीला चंदन और पीले रंग के फूल अर्पित करें. साथ ही इस दिन पीले रंग की वस्तुओं दान करें.
इसके अलावा शाम के समय तुलसी माता के समक्ष घी का दीपक जलाएं और तुलसी के चारो ओर 11 बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से हमारे घर की दरिद्रता दूर होती है.