Elon Musk इंटरव्यू में पूछते हैं ऐसा सवाल, फट से पकड़ लेते हैं सामने वाले का झूठ
तुर्की संसद में शुक्रवार को मारपीट हुई. ये हंगामा तक शुरू हुआ, जब विपक्ष के डिप्टी अहमत सिक ने अपने सहयोगी को असेंबली में शामिल करने को कहा.
आपको बता दें कि जिस शख्स ये मांग की गई थी, वह सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आयोजन के आरोप में जेल में बंद था. इसके बाद वह सांसद चुना गया.
रॉयटर्स के अनुसार वीडियो में सत्तारूढ़ AKP के सांसद अहमत सिक को मुक्का मारने के लिए दौड़ते हुए नजर आए.
इस दर्जनों लोग हाथापाई में शामिल हुए. हालांकि, कुछ ने दूसरों को रोकने की कोशिश की. स्पीकर के पोडियम की सफेद सीढ़ियों पर खून के छींटे तक नजर आए.
कैन अताले को 2022 में 18 साल की सज़ा सुनाई गई थी. उन पर 2013 में कथित तौर पर उस्मान कवला.
6 अन्य लोगों के साथ मिलकर देशव्यापी 'गेज़ी पार्क' विरोध प्रदर्शन आयोजित करके सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने का आरोप है. सभी ने आरोपों से इनकार किया है.
जेल में बंद होने के बावजूद, अताले को पिछले साल मई में तुर्की की वर्कर्स पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए संसद में चुना गया था.
संसद ने उन्हें उनकी सीट से हटा दिया, लेकिन 1 अगस्त को संवैधानिक न्यायालय ने उनके निष्कासन को अमान्य घोषित कर दिया.
सिक ने एकेपी सांसदों को दिए भाषण में कहा, 'हमें इस बात पर हैरानी नहीं है कि आप कैन अताले को आतंकवादी कहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे आप उन सभी को कहते हैं जो आपका साथ नहीं देते.' उन्होंने कहा, 'लेकिन सबसे बड़े आतंकवादी तो इन सीटों पर बैठे हैं.'
हाथापाई के चलते संसद के डिप्टी स्पीकर ने कार्रवाई पर रोक की घोषणा कर दी. तीन घंटे से ज़्यादा के ब्रेक के बाद, सत्र फिर से शुरू हुआ, इस बार इसकी अध्यक्षता संसद के उप अध्यक्ष ने नहीं बल्कि संसद के अध्यक्ष ने की.
संसद ने TIP के सिक को AKP के खिलाफ़ उनके बयानों के लिए फटकार लगाई और AKP के अल्पे ओज़ालान को भी सिक पर शारीरिक हमला करने के लिए आलोचना की.
मुख्य विपक्षी CHP नेता ने कहा कि यह 'शर्मनाक' है. सीएचपी नेता ओजगुर ओज़ेल ने मीडिया से कहा, 'सांसदों ने अन्य सांसदों, यहां तक कि महिलाओं को भी मुक्का मारा. यह अस्वीकार्य है.'
प्रो कुर्दिश डीईएम पार्टी समूह की अध्यक्ष गुलिस्तान कोसीगिट, को भी मुक्का मारा गया. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी हिंसा का इस्तेमाल करके विपक्ष को चुप कराने की कोशिश कर रही है.
कोसीगिट ने कहा, 'यह स्पष्ट था कि वे बहुत तैयारी और योजना के साथ आए थे... वे दबाव, हिंसा और ताकत के साथ हमारी आवाज़ को चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं.'