विवाह में आ रही परेशानियां तो, विवाह पंचमी के दिन करें ये उपाय

हमारे हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का त्योहार बहुत ही पवित्र और पावन माना गया है. बता दें कि यह पर्व हर साल अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. 

शास्त्रों के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्री राम ने राजा जनक के दरबार में हुए स्वयंवर सभा में शिव जी का धनुष तोड़ कर विवाह पंचमी की तिथि पर ही माता सीता से विवाह किया था. 

इस तिथि का धार्मिक महत्व है और साथ ही अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है.

यदि किसी व्यक्ति के विवाह में परेशानियां आ रही है तो वे विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा को सामने रखकर उन्हें लाल या पिला वस्त्र अर्पित करें और साथ ही उनका पीले रंग की मौली से गठबंधन कराएं. 

इतना ही नही इस दिन रामचरितमानस में दिए गए स्वयंवर प्रसंग का पाठ भी करें. बता दें कि ऐसा करने से विवाह के योग जल्दी बनते हैं और मनचाहा जीवन साथी भी मिलता है.

दांपत्य जीवन को सुखी बनाने के लिए इस दिन राम दरबार की विधिवत पूजा करें. इस पूजा में माता सीता को लास सिंदूर और सुहाग की सामग्री अर्पित करें और भगवान राम और माता सीता को तुलसी के पत्तें डालकर खीर का भोग लगाएं. 

इतना करने के बाद वैवाहिक जोड़े को साथ में इस भोग को ग्रहण करना चाहिए.

यदि किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही हैं, तो इस दिन किसी भी राम मंदिर में जाकर भगवान राम और माता सीता के वैवाहिक प्रतिमा के चरणों पर फूल अर्पित करके, पूरे विधि-विधान से पूजा करें. 

माना जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक रिश्ते में आ रहीं बाधाएं दूर होती हैं और रिश्ते ओर भी मजबूत होते हैं.