जिन्ना की मौत से टूट गए थे पं. नेहरू, कह दी थी कलेजा चीर देने वाली बात

पाकिस्तान को एक अलग देश बनाने में मोहम्मद अली जिन्ना का अहम योगदान था. उन्हें पाक का कायद-ए- आजम कहा जाता है.

जिन्ना को पाक का संस्थापक कहा जाता है. आजादी के दौरान जिन्ना ने धर्म के आधार पर अलग देश बनाने की बात कही थी, जिसके बाद पाक का निर्माण हुआ.

ऐसे में आइए हम आज आपको भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना के रिश्ते के बारे में बताता है कि जिन्ना की मृत्यु के समय नेहरू ने क्या कहा था. 

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14 अगस्त 1947 को जब भारक का दों हिस्सों में बंटवारा हुआ, तो एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ जो पाकिस्तान बना. 

जिन्ना पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने, लेकिन 1 साल बाद ही 11 सितंबर 1948 को कराची में उनका निधन हो गया.

जिन्ना की निधन की खबर ने पाकिस्ताम के साथ-साथ भारत को भी स्तब्ध कर दिया.

भारत-पाक के बंटवारे ने दोनों देशों को गहरा जख्म दिया था. जिन्ना जवाहरलाल नेहरू के सैद्धांतिक दुश्मन बन गए.

दोनों आपस में एक-दूसरे के विरोधी थे, लेकिन अपने-अपने देश के लिए खासा लोकप्रिय थे. दोनों अलग शख्सियतें थीं.

भारत-पाक के तनाव के बीच नेहरू ने जिन्ना के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की.

उनके निधन पर नेहरू ने कहा, 'मोहम्मद अली जिन्ना एक असाधारण व्यक्तित्व थे. उनके विचारों और हमारे बीच गहरे मतभेद रहे, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व को कोई नकार नहीं सकता. मेरे मन में जिन्ना के लिए कोई कड़वाहट नहीं है, बस जो कुछ हुआ उसके लिए गहरा दुख है'.