हिंदू ढाबा मालिक क्यों लगा रहे भगवान वराह की तस्वीर, वजह जान चौंक जाएंगे आप

11 जुलाई, 2025 से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है. श्रद्धालुओं की ये पवित्र यात्रा अपने आराध्य भगवान शिव के प्रति आस्था का समर्पण है.

सावन के महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु बेहद पवित्र जीवन जीते हैं. ऐसे में उनके भोजन की पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है.

कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट और दुकानों पर जाकर दुकानदारों की पहचान हो रही है.

हिंदू संगठन से जुड़े वालंटियर इन दुकानदारों की पहचान कर रहे हैं. इन वालंटियर्स के हाथ में भगवान वराह की तस्वीर रहती है.

ये वालंटियर्स सभी दुकानों पर भगवान वराह की तस्वीर चिपका रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर हर दुकान पर भगवान वराह की तस्वीर क्यों लगाई जा रही है...

दरअसल, कई बार मुसलमान अपने ढाबे का नाम हिंदू भगवान पर रखते हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचता है.

ऐसे में हिंदू संगठन दुकानदारों की पहचान करने के साथ-साथ भगवान वराह की तस्वीर लगा रहे हैं. भगवान वराह को भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है.

पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने भगवान वराह शूकर के रूप में प्रकट होकर हिरण्याक्ष नाम के राक्षस का वध किया था. इस्लाम में सुअर को अपवित्र प्राणियों में माना गया है.

इस्लाम में सुअर हराम है. अगर दुकानदार मुस्लिम होगा, तो वो वराह की तस्वीर नहीं लगाएगा. इसलिए हिंदू संगठन दुकानों पर भगवान वराह की तस्वीर लगा रहे हैं. जिससे शिवभक्तों को ये पता चल जाएगा कि दुकान किसकी है.