चीन में हरी टोपी पहनाना क्यों है शर्मनाक, हैरान कर देगी वजह
किसी भी देश में कपड़े या कोई भी चीज पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. लेकिन चीन इस मामले में अलग है.
दरअसल, चीन में हरी टोपी पहनना शर्मनाक माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है...
दरअसल, ये परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है. राजवंशों के दौरान हरी टोपी को पहनना शर्मिंदगी से जोड़ा जाता था. आज भी कोई पुरुष हरी रंग की टोपी नहीं पहनता है.
युआन और मिंग राजवंशों के दौरान सरकार द्वारा कुछ समूहों के पुरुषों खासकर वेश्याओं के रिश्तेदारों को हरे स्कार्फ या टोपी पहनने के लिए मजबूर किया जाता था.
इस रंग की टोपी को सार्वजनिक चिन्ह के रूप में इस्तेमाल किया जाता था ताकि समाज में उसकी प्रतिष्ठा कम हो सके और उन्हें दूसरे लोगों से अलग दिखाया जा सके.
बदलते वक्त के साथ हरी टोपी वाले पुरुषों की पहचान उस रूप में होने लगी जिनकी पत्नियों ने उन्हें धोखा दिया था.
चीनी भाषा में एक मुहावरा है डाई लू माओ. जिका मतलब वैसे तो हरी टोपी पहनना होता है लेकिन सामाजिक रूप से इसका अर्थ है धोखा खाना.
ऐसे में चीनी पुरुष हरे रंग की टोपी खरीदने या पहनने से मना करते हैं. जिसके कारण चीनी बाजार में हरे रंग की टोपियां काफी कम ही नजर आती हैं.