दिवाली के दिन क्यों खाई जाती है सूरन की सब्जी? जानिए महत्व

सनातन धर्म में दिवाली के पर्व का विशेष महत्व है. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. 

इस दिन धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है. दिवाली के खास मौके पर परंपरागत व्यंजन बनाने का महत्व होता है. 

ज्यादातर घरों में दिवाली के दिन सूरन की सब्जी बनाई जाती है. सूरन की सब्जी परंपरा एवं स्वास्थ्य दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. 

आइए जानते हैं इसको बनाने के पीछे का कारण...

धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. 

कहा जाता है कि, सूरन या जिमीकंद के फल को जड़ से काटने के बाद भी वो फिर से उग जाता है.

इसी वजह से सूरन को सुख-समृद्धि के दृष्टिकोण से देखा जाता है. वहीं, धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं. 

सूरन एक बहुत ही पौष्टिक सब्जी है. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. 

जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभकारी होते हैं. इससे बवासीर, पेट में गैस, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं.