इतिहास का वो दिन, जब काले कपड़े से ढका गया था ताजमहल, किसके डर से करना पड़ा ऐसा

बीते दिन 14 मार्च को देशभर में होली मनाई गई. वहीं, कल जुम्मे की नमाज भी अदा की गई.

ऐसे में होली पर निकाले जा रहे जुलूसों को मद्देनजर रखते हुए कई जगहों पर मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया.

आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब मस्जिदों को ढका गया है. इससे पहले ताजमहल को भी काले कपड़े से कवर किया गया था. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...

मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था. इसे आज बी प्यार की निशानी के तौर पर देखा जाता है.

1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने आगरा पर हमला किया था. इस युद्ध में पाक ताजमहल को ध्वस्त करना चाहता था.

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस युद्ध में पाक वायुसेना ने भारतीय एयरबेस के साथ-साथ ताजमहल को ध्वस्त करने की साजिश रची थी.

इस साजिश के तहत पाकिस्तान ने 3-4 दिसंबर की रात आगरा में बमबारी शुरू कर दी थी. इस हमले के कारण भारत में ब्लैक आउट घोषित किया गया था.

ब्लैक आउट होने के बावजूद ताजमहल रात में चमक रहा थाय ऐसे में ये खतरा था कि पाक ताजमहल को निशाना न बना दे.

ऐसे में भारत सरकार ने ताजमहल के मुख्य गुंबद और चारों मीनारों को काले कपड़े से ढकने का निर्देश दिया. 

गुंबद का बाकी हिस्सा और नीचे की फर्श को पेड़ की पत्तियों और घास से ढका गया था, जिससे कि दुश्मन ताजमहल का कोई हिस्सा न देख पाए.