संसद में पेश होगा सेस बिल, जानिए शीतकालीन सत्र में क्या-क्या होगा?

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा. केंद्र सरकार गुटखा-पान मसाला पर सबसे बड़ी सख्ती करने जा रही. 

इन उत्पादों के बढ़ते इस्तेमाल और स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए सरकार एक नया और कड़ा वित्तीय प्रावधान लागू करने की तैयारी कर ली है. 

सरकार 'नेशनल सिक्योरिटी और जन स्वास्थ्य सेस' नाम का नया टैक्स लगाने की योजना बना रही, जिससे इन उत्पादों के निर्माताओं पर नियंत्रण मजबूत किया जाएगा. आइए जानें इसके बारे में बड़ी बातें.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये बिल लोकसभा में रखेंगी. जिसका उद्देश्य है राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन जुटाना.

नया सेस गुटखा-पान मसाला बनाने वाली मशीनों और उत्पादन प्रक्रिया पर लगेगा. यानी टैक्स उत्पादन क्षमता के आधार पर तय होगा, न कि तैयार उत्पाद की मात्रा पर. 

चाहे सामान मशीन से बने या हाथ से, सभी निर्माताओं को हर महीने सेस देना अनिवार्य होगा. हाथ से उत्पादन करने वालों के लिए भी फिक्स्ड मासिक शुल्क तय होगा.

संसद में मंजूरी के बाद इस सेस से जुटाई गई राशि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर खर्च की जाएगी. जरूरत पड़ने पर सरकार इस सेस को दोगुना भी कर सकती है.

नियमों का पालन न करने पर 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है. हालांकि कंपनियां अपीलीय अधिकारियों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपील कर सकेंगी.

हर गुटखा-पान मसाला निर्माता को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बिना उत्पादन करना अवैध माना जाएगा.

जिन कंपनियों पर यह सेस लागू होगा उन्हें मासिक रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा. सरकारी अधिकारी जांच और ऑडिट कर सकेंगे.

अगर कोई मशीन या उत्पादन प्रक्रिया 15 दिनों से अधिक बंद रहती है तो उस अवधि के लिए सेस में छूट मिल सकती है.

यह बिल तंबाकू और पान मसाला उद्योग पर नकेल कसने और सरकारी राजस्व बढ़ाने की दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है.