Maa Narmada Temple: वर्षों से बिना पिलर के नदी में खड़ा है यह मंदिर, जानिए इसकी खासियत

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Maa Narmada Temple: भारत में ऐसे कई मंदिर मौजूद है, जिनके पीछे की चली आ रही मान्यताएं किसी को भी चकित कर देती हैं. ऐसा ही एक मंदिर जबलपुर के गौरी घाट में नर्मदा नदी की बीच धारा में स्थित मां नर्मदा का मंदिर है. इस मंदिर की कई ऐसी खास बातें हैं, जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं.

ये है खासियत
बरसात के मौसम में चारो ओर से जल से घिर रहने के बाद भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं होता है. बाढ़ जैसी आपदा में भी मंदिर अपने स्थादन पर यथावत बना रहता है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मंदिर बिना किसी पिलर के नदी के अंदर रेत पर बना हुआ है. हैरान करने वाली बात यह है कि रेत पर बिना किसी सपोर्ट और पिलर के यह मंदिर सालों से खड़ा है और बाढ़ जैसी आपदा में भी इस मंदिर पर एक भी खरोच नहीं आती है.

कई मान्यताएं हैं प्रचलित
भक्तों के बीच मंदिर को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं चली आ रही हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर की एक परिक्रमा कर लेता है, तो उसे मां नर्मदा की पूर्ण परिक्रमा करने जितना ही फल प्राप्त होता है. आमतौर पर मां नर्मदा की पूर्ण परिक्रमा करने में लगभग तीन वर्ष तीन माह और 13 दिन का समय लगता है.

मां नर्मदा का प्रिय प्रसाद
आपको बता दें कि मां नर्मदा को आटे के हलवे का भोग लगाया जाता है. मान्याता है कि अगर कोई श्रद्धालु इस मंदिर में आने के बाद भी अगर मंदिर की परिक्रमा नहीं करता है तो उसकी यात्रा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में आप अगर जबलपुर घूमने आते हैं, तो इस मंदिर के दर्शन और परिक्रमा का सौभाग्य जरूर प्राप्त करें.

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