कनाड़ा-यूक्रेन के बाद अब इराक पर ट्रंप की नजर, ईरान से बिजली खरीदने की छूट पर लगाई रोक

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Power crisis in Iraq: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका लगातार विदेशी सहायताओं को रोक रहा है, या उसमें कटौती कर रहा है. ऐसे में ही कनाड़ा-यूक्रेन के बाद अब ट्रंप की नजर ईराक पर है. दरअसल, ट्रंप सरकार ने इराक को पाबंदियों में दी गई उस छूट को नवीनीकृत करने से इंकार कर दिया है, जिसके तहत इराक को बिना अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन किए ईरान से बिजली खरीदने की इजाजत थी.

ट्रंप प्रशासन के इस कदम की जानकारी अमेरिकी दूतावास ने रविवार को एक बयान के माध्‍यम से दी. दूतावास द्वारा जारी किए गए इस बयान में कहा गया कि इस छूट की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई थी और अमेरिकी विदेश विभाग ने इसे नवीनीकरण की मंजूरी नहीं दी.

अमेरिका ने इराक से किया ये आग्रह

बता दें कि अमेरिका का यह फैसला डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर अधिकतम दबाव डालने वाले अभियान का हिस्सा है, जो ईरान के परमाणु खतरे को समाप्त करने, उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकने और उसे आतंकवादी समूहों का समर्थन करने से रोकने के उद्देश्य से लिया गया है. इस दौरान अमेरिकी दूतावास ने इराकी सरकार से आग्रह किया है कि वो जल्‍द से जल्‍द ईरानी ऊर्जा स्रोतों पर अपनी निर्भरता समाप्त करे और ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए इराकी प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का स्वागत करे.

इराक में बिजली संकट

दरअसल, इराक के पास गैस और तेल की पर्याप्त संपत्ति है, लेकिन युद्ध, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के वजह से वह दशकों से बिजली संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में वो अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए ईरान से गैस और बिजली आयात करता है, लिहाजा इराक में बिजली की कटौती एक सामान्य समस्या बन चुकी है, खासकर गर्मी के महीनों में. इस दौरान कई इइराकियों को डीजल जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है या फिर 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में जीवन जीना पड़ता है.

छूट के समाप्त होने का प्रभाव

ऐसे में के अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि इरान से आयातित बिजली इराक की कुल बिजली खपत का केवल 4 प्रतिशत है. वहीं, एक इराकी अधिकारी ने बताया कि इराक को ईरान से आयातित गैस से संचालित बिजली संयंत्रों से लगभग 8,000 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है, जबकि 500 मेगावाट बिजली सीधे ईरान से आयात की जाती है. वहीं, अब इस छूट के समाप्त होने से इराक को इन स्रोतों से बिजली की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.

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