विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने सोमवार को 1985 के एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट में मारे गए 329 लोगों को श्रद्धांजलि दी. यह इतिहास के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था, जिसकी आज 40वीं वर्षगांठ है. उन्होंने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कठोर रुख अपनाने की जरूरत पर जोर दिया. विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर लिखा, एयर इंडिया 182 कनिष्क बम विस्फोट की 40वीं बरसी पर हम 329 जिंदगियों को श्रद्धांजलि देते हैं. यह इस बात की स्पष्ट याद दिलाता है कि दुनिया को आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता क्यों दिखानी चाहिए.
23 जून 1985 को एयर इंडिया की फ्लाइट लंदन और दिल्ली होते हुए मुंबई जा रही थी, तभी अटलांटिक महासागर के ऊपर बोइंग 747 में बम विस्फोट हो गया. आयरलैंड के तट के पास हुए विस्फोट में 22 चालक दल सहित सभी 329 लोग मारे गए. जांच में पता चला था कि बम वैंकूवर से आए सामान में रखा गया था. यह हमला खालिस्तानी उग्रवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था. ब्रिटिश-कनाडाई नागरिक इंद्रजीत सिंह रेयात ने 2003 में बम बनाने की बात कबूल की, जिसके बाद उसे दोषी करार दिया गया था. बब्बर खालसा के संस्थापक सदस्य तलविंदर सिंह परमार को हमले का मास्टरमाइंड माना गया था.
इस बरसी पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल आयरलैंड में कॉर्क के अहाकिस्ता मेमोरियल में श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुआ. इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और पांच भारतीय राज्यों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें अरविंदर सिंह लवली (दिल्ली विधायक), बलदेव सिंह औलाख (उत्तर प्रदेश के मंत्री), गुरवीर सिंह बराड़ (राजस्थान के विधायक), त्रिलोक सिंह चीमा (उत्तराखंड के विधायक) और नरिंदर सिंह रैना (जम्मू और कश्मीर के विधायक) शामिल हैं. सोमवार को स्मारक स्थल पर आयरलैंड के प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन, कनाडा के मंत्री गैरी आनंदसांगरी और कई अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में स्मारक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.