‘हमें जिहाद से जीना…’ बांग्लादेश की सड़कों पर खुलेआम लगे जिहादी नारे, ढाका की मस्जिद के बाहर लहराए गए ISIS के झंडे

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Islamists demonstrate in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के पतन के बाद से ही देश की हालात तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं. दरअसल, पूर्ववर्ती देश में इस्लामी उग्रवादी संगठन अब सार्वजनिक रूप से सक्रिय हो गए हैं. ऐसे में उन्‍होंने शुक्रवार को ढाका की राष्ट्रीय मस्जिद बैतुल मुकर्रम के बाहर जुमे की नमाज के बाद हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के सदस्यों ने खुलेआम ‘जिहाद’ के समर्थन में नारे लगाए.

मस्जिद के बाहर लहराए गए ISIS के झंडे

प्रत्‍यक्षदर्शियों और स्थानीय सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर जमा हुए और उन्होंने “जिहाद चाहिए, जिहाद से जीना है”, “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर”, “कौन हैं हम? मिलिटेंट, मिलिटेंट”, और “इस्लामी बांग्लादेश में काफिरों के लिए कोई जगह नहीं” जैसे नारे लगाए. इसके साथ ISIS के झंडे भी लहराएं गए.

देश में सक्रिय हो रहें कट्टरपंथी संगठन

इन नारों और बयानों से यह साफ जाहिर होता है कि पूर्ववर्ती आवामी लीग सरकार के शासनकाल में प्रतिबंधित किए गए इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों ने अपनी मौजूदगी फिर से जतानी शुरू कर दी है. इस संगठनों को देशव्यापी बम धमाकों और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते ही पहले प्रतिबंधित किया गया था, जो वर्तमान में सिर्फ कागजों में प्रतिबंधित हैं, लेकिन व्यावहारिक रूप से वे पोस्टर, बैनर और स्लोगनों के जरिए खुलकर सक्रिय हो गए हैं.

300 से ज्यादा आतंक आरोपी रिहा

बता दें कि 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के वतन के बाद ही आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद सैकड़ों लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. जेल विभाग के मुताबिक, अब तक 300 से अधिक मिलिटेंट्स जेल से बाहर आ चुके हैं. इन लोगों में कई ऐसे भी लोग शामिल है, जिन्‍हें पहले उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी.

11 महीनों में JMB के 148 आरोपी हुए रिहा

वहीं, कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 11 महीनों में सिर्फ जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़े 148 आरोपी जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं. इनमें कई नाम ऐसे हैं जो हर्कत-उल-जिहाद, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, हमजा ब्रिगेड और हिज्ब उत-तहरीर जैसे खतरनाक संगठनों से जुड़े रहे हैं. वहीं, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख माने जाने वाले मुफ्ती जसीमुद्दीन रहमानी को भी सत्ता परिवर्तन के बाद जमानत मिल चुकी है. क्‍योंकि रिपोर्ट्स के अनुसार, वह हाल ही में मिलिट्री सुरक्षा के साथ सार्वजनिक रूप से इस्लामी नारे लगाते देखे गए.

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