एप्पल ने अप्रैल-जून तिमाही में भारत से 5 अरब डॉलर के iPhone किए एक्सपोर्ट

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत से अप्रैल-जून तिमाही (Q1 FY26) के दौरान एप्पल ने 5 अरब डॉलर (करीब ₹41,500 करोड़) से अधिक मूल्य के iPhone का निर्यात किया है. यह भारत के कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है. यह जानकारी मनीकंट्रोल को प्राप्त एक्सक्लूसिव प्रारंभिक आंकड़ों से सामने आई है. पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 3 अरब डॉलर के आसपास था, यानी इसमें 66% की तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है. फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिए एप्पल द्वारा उत्पादन में आई तेजी के चलते भारत का कुल स्मार्टफोन निर्यात भी अप्रैल-जून तिमाही में 7 अरब डॉलर के पार पहुंच गया, जो बीते साल Q1 FY25 में 5 अरब डॉलर था। यानी साल दर साल 40% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
हालांकि, iPhone का निर्यात जनवरी-मार्च तिमाही ($5.58 अरब) से थोड़ा कम रहा है. उस तिमाही में एप्पल ने अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से पहले इन्वेंटरी तैयार करने के उद्देश्य से शिपमेंट तेज किया था. आमतौर पर जून तिमाही में वैश्विक मांग में गिरावट आती है, क्योंकि ग्राहक सितंबर में लॉन्च होने वाले नए iPhone का इंतजार करते हैं. इस तिमाही में फॉक्सकॉन ने iPhone शिपमेंट में सबसे बड़ा योगदान दिया, जबकि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स दूसरे स्थान पर रहा, जिसने हाल ही में पेगाट्रॉन की भारतीय इकाइयों का अधिग्रहण किया है. भारत में बने अधिकांश iPhone अभी भी अमेरिका को ही निर्यात किए जाते हैं.
इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, “मोबाइल फोन क्षेत्र सरकार की नीतियों की वजह से भारत की एक बड़ी सफलता कहानी बन चुका है, लेकिन मौजूदा चीनी प्रतिबंधों को देखते हुए सरकार से सतत समर्थन जरूरी है.”जानकारी के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में आए 2 अरब डॉलर के अतिरिक्त इजाफे का पूरा श्रेय स्मार्टफोन निर्यात को जाता है. FY25 में भारत में स्मार्टफोन उत्पादन $64 अरब तक पहुंच गया, जिसमें $24.1 अरब का निर्यात शामिल रहा यानी कुल उत्पादन का 38%। FY15 में जहां स्मार्टफोन भारत का 167वां सबसे बड़ा निर्यात उत्पाद था, अब यह FY25 में इंजीनियरिंग वस्तुओं और पेट्रोलियम के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA), जो एप्पल, फॉक्सकॉन, टाटा, गूगल, डिक्सन, ओप्पो और श्याओमी जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने 1 जुलाई को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजे पत्र में चीन की ‘अनौपचारिक व्यापार बाधाओं’ को लेकर चिंता जताई है. पत्र के मुताबिक, चीन की “सुनियोजित और सूक्ष्म रणनीति” भारत की $32 अरब की इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट इंडस्ट्री और पीएलआई स्कीम के तहत मिली उपलब्धियों को खतरे में डाल सकती है. इन प्रतिबंधों में पूंजीगत मशीनों, महत्वपूर्ण खनिजों और प्रशिक्षित तकनीकी विशेषज्ञों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है.
Latest News

धर्मांतरण के नाम पर राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र अब नहीं चलेगा: MLA डॉ. राजेश्वर सिंह ने की केंद्रीय कानून की मांग

Lucknow: उत्तर प्रदेश में हाल ही में उजागर हुए छांगुर बाबा धर्मांतरण गिरोह और आगरा में ISIS लिंक्ड कन्वर्ज़न...

More Articles Like This