ईरान में खामेनेई सरकार गिराने की तैयारी! लोकतांत्रि‍क देश की स्‍थापना करने में जुटें 50 हजार से ज्‍यादा अधिकारी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Iran Regime Change: ईरान में सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को लेकर बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है, दरअसल, रजा पहलवी, जो ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के बेटे हैं, ने दावा किया है कि ईरान के भीतर ही एक संगठित अभियान चल रहा है, जो देश की मौजूदा सरकार को गिराकर लोकतंत्र की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाने के लिए तैयार है.

बता दें कि 46 वर्षो से निर्वासित जीवन जी रहे रजा पहलवी ने अपने एक इंटरव्‍यू के दौरान यह खुलासा किया. उन्‍होंने कहा कि इस अभियान में ईरान की सत्ता और सेना के भीतर से 50,000 से अधिक अधिकारी शामिल हो चुके हैं. उन्‍होंने बताया कि डिजिटल नेटवर्क के जरिए अधिकारियों और सेना के सदस्‍यों को एक साथ जोड़ा जा रहा है. प‍हलवी ने कहा कि इस नेटवर्क का मकसद ईरान के सुपीम लीडर अली खामेनेई की सरकार को गिराना और लोकतांत्रिक ईरान की स्‍थापना करना है.

ईरानी अधिकारियों और सेना से मिल रहा समर्थन

वहीं, रजा पहलवी का दावा है कि इस डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे इन अधिकारियों की विश्वसनीयता का आकलन किया जा सके. साथ ही उन्‍होने ये भी बताया कि अगले चरण में आम नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है, और इसके लिए एक नई वेबसाइट भी बनाई जा रही है.

म्यूनिख में आयोजित होगा विरोधियों का बड़ा सम्मेलन

दरअसल, म्यूनिख में शनिवार को  एक महत्वपूर्ण सम्मेलन होने वाला है, जिसमें दुनिया भर से ईरानी विपक्षी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार और खिलाड़ी एकत्र होंगे. यह सम्मेलन, जिसे “नेशनल कोऑपरेशन कन्वेंशन” नाम दिया गया है, जो 1979 की क्रांति के बाद सबसे बड़ा ईरान विरोधी सम्मेलन हो सकता है, जिसे रजा पहलवी ने ईरान के लोकतंत्र की ओर बढ़ते हुए कदम के रूप में देखा है, जिसमें ईरानी समाज के विभिन्न हिस्सों का समर्थन जुटाने की कोशिश की जाएगी. साथ ही उन्‍होंने बताया कि इस सम्मेलन के तीन मुख्य सिद्धांत होंगे:

  • ईरान की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा
  • हर नागरिक की स्वतंत्रता और समानता की गारंटी
  • धर्म और सत्ता का अलगाव
  • रजा पहलवी ने इस सम्मेलन को

विपक्षी एकता पर सवाल

बता दें कि रजा पहलवी खुद को सत्ता परिवर्तन के बाद देश का अगला नेता मानते हैं. हालांकि उनके आलोचकों का कहना है कि वे विपक्षी गुटों को एकजुट करने में पर्याप्त प्रयास नहीं कर पाए हैं. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा है कि एक शाही परिवार से आने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में लोकतंत्र स्थापित करना मुश्किल हो सकता है. हालांकि, म्यूनिख सम्मेलन को उनके आलोचकों का सामना करने और अपनी छवि सुधारने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.

दुनियाभर में ईरान विरोधी आन्‍दोलन की चर्चा

वहीं, यह सम्मेलन उनकी विचारधारा को और अधिक प्रबल करने का एक अवसर हो सकता है. हालांकि रजा पहलवी ने ये भी दावा किया है कि ईरानी विरोधी आंदोलन अब दुनियाभर में सुर्खियां बना चुका है. ऐसे में यदि यह आंदोलन सफलता प्राप्त करता है, तो इससे न केवल ईरान में बल्कि पूरी मध्य पूर्व क्षेत्र में राजनीति का चेहरा बदल सकता है.

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