अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर जो नया अनुमान जारी किया है, वह देश के लिए आश्वस्त करने वाला है. IMF की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 में 6.7% और 2026 में 6.4% रहने का अनुमान है. यह अनुमान इस ओर इशारा करता है कि भारत की इकोनॉमी आने वाले दो वर्षों में भी स्थिर और मजबूती से आगे बढ़ती रहेगी. IMF ने रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि को “स्थिर और लचीली” बताया है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद सकारात्मक संकेत है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी 30 जुलाई को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि का मुख्य आधार सरकारी निवेश, घरेलू खपत में मजबूती और संरचनात्मक सुधार (structural reforms) हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों कारकों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर और संतुलित गति से आगे बढ़ रही है। IMF का कहना है कि भारत में लगातार दिख रही मजबूत विकास दर नीतिगत सुधारों की रफ्तार और पब्लिक इन्वेस्टमेंट का परिणाम है. इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अप्रैल 2025 में दिए गए पूर्वानुमान की तुलना में अब आंकड़ों को थोड़ा और बढ़ाया गया है, जो देश की आर्थिक दिशा पर बढ़ते भरोसे को दर्शाता है.
2024 में 6.5 प्रतिशत रही थी भारत की ग्रोथ
IMF की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की इकोनॉमी 2024 में 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी. अब आगे 2025 में ग्रोथ 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. IMF का कहना है कि ये आंकड़े कैलेंडर ईयर के हिसाब से हैं, जबकि भारत में आमतौर पर फाइनेंशियल ईयर के हिसाब से जीडीपी देखी जाती है. IMF रिसर्च डिपार्टमेंट की चीफ डेनिज एगुन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत में पिछले कुछ सालों से लगातार स्थिर और मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ देखी जा रही है. यह ट्रेंड आगे भी बरकरार रह सकता है.
IMF ने चीन की ग्रोथ का अनुमान भी बढ़ाया
IMF ने चीन की 2025 की ग्रोथ का अनुमान भी बढ़ाया है अब यह 4.8% रहने का अनुमान है. ऐसा अमेरिका-चीन के बीच टैक्स में नरमी और बेहतर बिजनेस एक्टिविटी के चलते हुआ है. दुनिया की बात करें तो IMF ने कहा है कि 2025 के लिए ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ 3.0 प्रतिशत और 2026 में 3.1 प्रतिशत रह सकती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2025 में उभरती हुई इकोनॉमीज की औसतन ग्रोथ 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.