खालिस्तान बोर्ड राजनीतिक दिशा-निर्देशों का नहीं करता उल्लंघन, चैरिटी आयोग ने ब्रिटेन के गुरुद्वारों को दी मंजूरी  

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Khalistan boards: यूनाइटेड किंगडम की ओर से एक ऐसे गुरुद्वारे को अनुमति दी गई है, जिसपर खालिस्तान शब्द वाले बोर्ड लगा हुआ है. दरअसल, यूके के चैरिटी क्षेत्र की निगरानी संस्था ने फैसला सुनाया है कि स्लो स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा की जांच में पाया गया है कि खालिस्तान बोर्ड देश में संचालित चैरिटी संस्थाओं के लिए राजनीतिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करते हैं.

बता दें कि यह मामला उस वक्‍त उठा था, जब साल 2019 में एक भारतीय पत्रकार को पूजा स्थल परिसर में एक खालिस्तान बोर्ड दिखाई दिया था. हालांकि, गुरुद्वारे की समिति ने कथित तौर पर इन पट्टिकाओं के इस्तेमाल को राजनीतिक के बजाय धार्मिक बताते हुए इसका बचाव किया.

ब्रिटेन के एक गुरुद्वारे में ‘खालिस्तान बोर्ड’ को लेकर विवाद

दरअसल, साल 2019 में दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के बर्कशायर काउंटी स्थित स्लो स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा का दौरा करने वाली एक भारतीय पत्रकार को परिसर के अंदर एक बड़ा खालिस्तान बोर्ड मिला, जिसके बाद उन्‍होंने चैरिटी कमीशन में शिकायत दर्ज कराई, जो ब्रिटेन में चैरिटी संस्थाओं का नियमन करता है.  बता दें कि ब्रिटेन में गुरुद्वारों को चैरिटी के रूप में पंजीकृत किया जाता है क्योंकि वे जनहित के लिए होते हैं.

कमीशन ने पट्टिकाएं हटाने का दिया था निर्देश

ब्रिटिश चैरिटी कमीशन के दिशा-निर्देश किसी राजनीतिक दल या राज्य का समर्थन करने की अनुमति नहीं देते हैं. ऐसे में गुरुद्वारे में खालिस्‍तान के बैनर या पट्टिकाएं प्रदर्शित करने का जटिल और संवेदनशील मामला स्वतंत्र निगरानी संस्था के समक्ष समीक्षा के लिए उठाया गया था. दरअसल, पिछले दिसंबर में कमीशन ने गुरुद्वारे के ट्रस्टियों को 10 मार्च, 2025 तक पट्टिकाएं हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्‍हें कभी हटाया ही नहीं गया.

ब्रिटिश आयोग ने दी खालिस्तान बोर्ड लगाने की अनुमति

वहीं , अब इस मुद्दे को उठाए जाने के 5 साल बाद ब्रिटेन के आयोग ने फैसला किया है कि बोर्ड बने रह सकते हैं. आयोग का कहना है कि खालिस्‍तान शब्द का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अर्थ है, जबकि कुछ लोगों के लिए यह एक राजनीतिक शब्द है. समिति जांच के बाद निष्‍कर्ष निकाला कि यह चैरिटी अपने धार्मिक उद्देश्यों के अनुरूप काम कर रही थी, क्योंकि खालिस्तान बोर्ड किसी राजनीतिक राज्य की मांग करने वाली सामग्री का प्रचार नहीं करते थे.

चैरिटी आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, स्लो के बारे में हमारे समक्ष कई प्रशासनिक चिंताएं उठाई गईं, जिसके बाद हमने इनका आगे मूल्यांकन करने और ट्रस्टियों के साथ बातचीत करने के लिए एक नियामक अनुपालन मामला खोला है.

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