North Korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने मजबूत होते संबंधों और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध प्रयासों पर चर्चा की. इस बात की जानकारी दोनों देशों की सरकारी मीडिया ने संयुक्त रूप से बुधवार को दी.
किम जोंग उन और पुतिन के बीच ये बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में रूसी राष्ट्रपति की अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक होनी है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने बताया कि पुतिन ने मंगलवार को फोन पर बातचीत के दौरान उत्तर कोरियाई सैनिकों द्वारा दिखाई गई ‘‘बहादुरी, वीरता और आत्म-बलिदान की भावना’’ की प्रशंसा की.
रूस से सभी फैसले के साथ उत्तर कोरिया
बता दें कि उत्तर कोरिया के बलों ने रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ को रोकने के लिए रूसी सेना के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी. रूसी मीडिया के मुताबिक, पुतिन ने शुक्रवार को अलास्का में ट्रंप के साथ अपनी आगामी वार्ता की जानकारी भी किम के साथ साझा की. लेकिन उत्तर कोरिया के मीडिया ने ट्रंप और पुतिन की बैठक का जिक्र नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक, किम ने पुतिन से कहा कि प्योंगयांग ‘‘भविष्य में भी रूसी नेतृत्व द्वारा उठाए जाने वाले सभी कदमों’’ का पूरा समर्थन करेगा.
क्या है उत्तर कोरिया के तानाशाह का लक्ष्य?
हालांकि इससे पहले उन्होंने पिछले साल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित रणनीतिक साझेदारी समझौते के तहत सभी क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. वहीं, रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के बाद से किम ने मास्को को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता बनाया है. दरअसल, उत्तर कोरिया के तानाशाह का लक्ष्य राजनयिक अलगाव से बाहर निकलना तथा अमेरिका का विरोध करने वाले देशों के साथ संबंधों का विस्तार करना है.
वहीं, साउथा कोरिया के आकनल के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के विरुद्ध पुतिन के युद्ध प्रयासों के समर्थन में पिछले वर्ष से अब तक रूस में लगभग 15,000 सैनिक भेजे हैं तथा तोप और बैलिस्टिक मिसाइल सहित बड़ी मात्रा में सैन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए हैं.
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