Lucknow: लापरवाही बरतने के आरोप में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने तीन जिलों के जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा कम खेत होने के बावजूद ज्यादा खाद उठाने वाले दस अन्य लोगों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. लखनऊ स्थित कृषि भवन में बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह जानकारी दी.
प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में खाद की कालाबाजारी को लेकर मांगी रिपोर्ट
कृषि मंत्री ने बताया कि जिन कृषि अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें मंजीत कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी बलरामपुर, प्रकाश चंद्र विश्वकर्मा और अशोक प्रसाद मिश्र जिला कृषि अधिकारी श्रावस्ती शामिल है. प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में खाद की कालाबाजारी को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. जांच के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी.
अखिलेश यादव को बोलने का कोई हक नही
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा खाद की कमी पर उठाए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि उनको बोलने का कोई हक नही है. उनके समय मे खरीफ सीजन में केवल 91.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी, जबकि किसानों को समय से उन्नत बीज खाद पानी सिंचाई संसाधनों में निरंतर वृद्धि के परिणाम स्वरुप वर्ष 2023-24 में खरीफ के फसलों का आच्छादन बढ़कर 101.8 हेक्टेयर हो गया है. 2024 में यह क्षेत्रफल 105.93 लाख हेक्टेयर हो गया है.
चार से लेकर 13 बार तक खाद को खरीदा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36000 किसानों की ऋण माफी की थी. कृषि मंत्री ने बताया कि महाराजगंज में जून माह के दौरान 186 लोग ऐसे पाए गए हैं. जिन्होंने एक मीट्रिक टन से लेकर 2.375 मीट्रिक टन तक यूरिया खरीदा है. इन लोगों ने चार से लेकर 13 बार तक खाद को खरीदा है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की जांच जोत के रकवे के साथ कराई जा रही है. जांच के दौरान यदि कालाबाजारी पाई जाती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी.
फ़सलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए क़ृषि विभाग अभियान चलाएगा
इसी तरह, सिद्धार्थनगर में भी कई लोगों के द्वारा एक मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का क्रय चार बार से लेकर 20 बार में किया गया है. उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है. कृषि मंत्री ने बताया कि फ़सलों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके, इसके लिए क़ृषि विभाग अभियान चलाएगा. 15 सितंबर को हम लोग पोर्टल खोलने जा रहे है. जिस पर किसानों से आवेदन माँगे जाएँगे. उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से यूरिया और डीएपी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.
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