टेक्सास राज्य ने ‘शरिया कानून’ पर लगाया बैन, अमेरिका के फैसले से बौखलाए मुस्लिम संगठन

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America : वर्तमान समय में अमेरिका के टेक्सास राज्य ने शरिया कानून पर बैन लगा दिया है. बता दें कि अमेरिका के इस फैसले से मुस्लिम संगठनों में खलबली मच गई है. इस मामले को लेकर टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबाट का कहना है कि उनके राज्य में इस्लामी शरिया कानून को लागू करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने निवासियों से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन शरिया कानून का अनुपालन थोपने की कोशिश करता है, तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस या टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक सेफ्टी को दें.

शरिया वाले मूर्खों से डरने की जरूरत नहीं- एबाट

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार गवर्नर एबाट का यह बयान ह्यूस्टन से वायरल हुए उस वीडियो के बाद आया है, बता दें कि उस वीडियो में एक मुस्लिम मौलवी लाउडस्पीकर पर दुकानदारों से शराब, सूअर का मांस और लॉटरी टिकट न बेचने की अपील करता हुआ दिख रहा है. ऐसे में इस घटना को उत्‍पीड़न बताते हुए एबाट ने कहा कि टेक्सास धार्मिक कानूनों को सार्वजनिक जीवन पर थोपने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगा. इस दौरान उन्‍होंने ये भी कहा कि कोई भी व्यवसाय या व्यक्ति इस तरह के मूर्खों से डरने की ज़रूरत नहीं है.

टेक्सास में शरीया कानून पर स्थिति

बता दें कि टेक्सास में कोई औपचारिक “शरीया प्रतिबंध कानून” नहीं है, लेकिन कानूनी तौर पर 2017 में यह पास किया गया कि ‘American Laws for American Courts’ बिल यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिकी अदालतें किसी भी विदेशी या धार्मिक कानून को लागू नहीं कर सकतीं.

एबाट के बयानों को बताया भ्रामक

जानकारी के मुताबिक, एबाट के इन बयानों को Council on American-Islamic Relations (CAIR) जैसे मुस्लिम अधिकार समूहों ने भ्रामक बताते हुए कहा कि शरिया कानून केवल व्यक्तिगत धार्मिक आचरण से संबंधित होता है, न कि नागरिक कानून से. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इसी साल के शुरूआत में गवर्नर एबाट ने ईस्ट प्लानो इस्लामिक सेंटर (EPIC) द्वारा प्रस्तावित 400 एकड़ के रिहायशी और व्यावसायिक परिसर का विरोध किया था, बता दें कि इसमें घर, स्कूल, मस्जिद के साथ और भी अन्य व्यावसायिक सुविधाएं शामिल थीं.

एबाट माने जाते है ट्रंप के करीबी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी के नेता गवर्नर एबाट डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं. बता दें कि वह अधिकतर आव्रजन, धर्म और सांस्कृतिक मुद्दों पर कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं. इस मामले को लेकर आलोचकों ने कहा कि एबाट ने शरिया कानून के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है.

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