United States: अमेरिका में 30 वर्षीय भारतीय इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की हत्या के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. अपने रूममेट पर चाकू से हमला करने के बाद अमेरिकी पुलिस ने गोली मारकर तेलंगाना के महबूबनगर निवासी भारतीय टेक इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की हत्या कर दी थी. पहले तो लगा कि यह मामला केवल क्राइम से जुडा हुआ था, लेकिन अब परत दर परत कहानी खुलकर सामने आ रही है.
शव को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से मांगी मदद
वहीं, दूसरी ओर परिवार ने निजामुद्दीन के शव को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है. मोहम्मद निजामुद्दीन ने खुद को नस्लीय नफरत का शिकार बताया था. उसने कहा था कि उसे नौकरी से गलत तरीके से निकाल दिया गया और जांच करने वाले अधिकारी ने भी उसे प्रताड़ित किया. मोहम्मद निजामुद्दीन ने लिंक्डइन पर अपना दर्द बयां किया था और लोगों से अपने लिए न्याय की मांग की थी.
बेहद शांत और धार्मिक स्वभाव वाला व्यक्ति था निजामुद्दीन
मोहम्मद निजामुद्दीन ने फ्लोरिडा के एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली थी और कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक टेक फर्म में काम करता था. उसके परिवार का कहना है कि वह बेहद शांत और धार्मिक स्वभाव वाला व्यक्ति था. निजामुद्दीन ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था कि ‘वह नस्लीय नफरत, भेदभाव, नस्लीय प्रताड़ना, शोषण, वेतन धोखाधड़ी, गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने का शिकार हुआ है.’
कॉर्पोरेट तानाशाही का होना चाहिए अंत
उसने लिखा कि ‘मैंने अपनी सभी मुश्किलों के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है. अब बहुत हो गया. श्वेत वर्चस्व और नस्लवादी अमेरिकी सोच को खत्म होना चाहिए. कॉर्पोरेट तानाशाही का अंत होना चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’ निजामुद्दीन ने बताया था कि वह EPAM सिस्टम्स नाम की कंपनी में काम करता है जो गूगल को अपनी सेवाएं देती है. लेकिन कंपनी में उसके साथ नस्लभेद किया जाता है.’
लेबर डिपार्टमेंट के नियमों के तहत नहीं दी सैलरी
निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि ‘कंपनी ने उसे लेबर डिपार्टमेंट के नियमों के तहत सैलरी नहीं दी और उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया. नौकरी जाने के बाद भी डिटेक्टिव और उसकी टीम द्वारा नस्लभेदी प्रताड़ना जारी रही.’ स्थिति तब और खराब हो गई जब निजामुद्दीन के खाने में जहर मिला दिया गया और बाद में उसे घर से भी निकाल दिया गया.
कल यह किसी के भी साथ हो सकता है…
निजामुद्दीन ने पोस्ट में लिखा कि ‘आज यह मेरे साथ हो रहा है, कल यह किसी के भी साथ हो सकता है. इसलिए मैं दुनिया से अपील करता हूँ कि शामिल लोगों के जुल्म और गलत कामों के खिलाफ न्याय की मांग करें.’
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