भारत-कनाडा के बीच फिर से भरोसे को बनाने और सहयोग को बढ़ाने की जरूरत

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New Delhi: भारत और कनाडा ने माना है कि राजनीतिक नेतृत्व के बीच उच्चतम स्तर पर फिर से भरोसे को बनाने और सहयोग को बढ़ाने की जरूरत है. दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने नई दिल्ली में 18 दिसंबर को अपनी कनाडाई समकक्ष नतालि जी. ड्रूइन से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच नियमित द्विपक्षीय सुरक्षा संवाद का हिस्सा था.

सम्मेलन के दौरान हुई चर्चा को आगे बढ़ाने का भी अवसर था…

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडा के समकक्ष मार्क कार्नी के बीच कनाडा के अल्बर्टा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई चर्चा को आगे बढ़ाने का भी अवसर था. विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी. दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, अंतरराष्ट्रीय संगठिन अपराधों से लड़ने और खुफिया जानकारी साझा करने जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की. दोनों ने सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और मौजूदा संपर्क तंत्रों को और मजबूत करने पर सहमति जताई.

क्षेत्रीय व वैश्विक घटनाक्रमों पर साझा किए अपने विचार

दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया. साथ ही क्षेत्रीय व वैश्विक घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा किए. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के नए अध्याय के लिए करीबी सहयोग करने और सहयोग का दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति जताई. इन चर्चाओं के आधार पर भारत और कनाडा ने 19 सितंबर को नई दिल्ली में विदेश कार्यालय परामर्श 9AOC) आयोजित किया, जिसकी अगुवाई सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने की, जबकि कनाडाई पक्ष का नेतृत्व उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने किया.

भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा

विदेश मंत्रालय के मुताबिक ये परामर्श प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी के 17 जून 2025 को कनाडा के कनेनास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद हुए. इस अवसर पर भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की गई. अन्य अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ. दोनों पक्षों ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के सम्मान और संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित भारत-कनाडा संबंधों के महत्व की पुष्टि की.

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