भारत चुप नहीं बैठेगा… कोहरे की आड़ में भी नहीं बच पाएंगे आतंकी, BSF ने दी चेतावनी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistani Terrorist: भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठ का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन सीमा सुरक्षा बल भी उनकी कोशिशों को नाकाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है. ऐसे में ही बीएसएफ ने स्‍पष्‍ट रूप से चेतावनी दी है कि आगामी सर्दियों में बढ़ने वाले कोहरे का लाभ उठाकर घुसपैठ का कोई प्रयास सफल नहीं होगा.

बीएसएफ के जम्मू-फ्रंटियर के महानिरीक्षक (IG) शशांक आनंद ने कहा है कि जम्मू सेक्टर में सर्दियों के लिए तैयार की गई विशेष ‘शीतकालीन योजना’ लागू है और बल पूरी तरह तैनात होकर सीमा की निगरानी कर रहा है.

कोहरा नहीं बनेगा चुनौती

उन्‍होंने बताया कि हालिया खुफिया रिपोर्ट से संकेत मिला है कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठन, मई में चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिर से अपने पाँव जमाने की कोशिश कर रहे हैं.  आईजी ने कहा कि सर्दियों में बनने वाला कोहरा घुसपैठ के लिए पारंपरिक रूप से एक चुनौती रहा है, लेकिन इस बार सीमा पर निगरानी और जवाबी तंत्र उस चुनौती का मुकाबला करने के लिए और अधिक सशक्त है.

जवान पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं

आईजी ने जोर देकर कहा कि “हमारे जवान पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं. शीतकालीन रणनीति तैयार है और सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बीएसएफ नियमित रूप से अपनी सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा कर रही है और सीमा पार गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

कोहरा: समस्या भी और पूर्वानुमान भी

दरअसल, सर्दियों के समय में ठंडी सुबहों और देर रात के समय छाने वाला घना कोहरा सीमा पर निगरानी के लिए कठिनाइयां पैदा करता है. इस दौरान विज़ुअल गश्त, लंबी दूरी के कैमरों और पैदल टोपी-पालिसिंग पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे मौसम में पारंपरिक प्रतिरक्षा प्रणालियाँ और मानवीय निगरानी सीमित हो सकती हैं, जिससे सीमापार उकसाने या घुसपैठ का प्रयास करने वालों को मौका मिल जाता है.

बीएसएफ ने इस संभावना को देखते हुए कई उपायों की रूपरेखा तैयार की है, अतिरिक्त गश्ती दल, सीमावर्ती चौकियों की मजबूती, रात-दिन अलर्ट व्यवस्था और उच्च संवेदनशीलता वाले इन्फ्रारेड व थर्मल सेंसरों के व्यापक उपयोग का निर्देश शामिल है.

कठोर नियम और जवाबी कार्रवाई की अनुमति

बयान में यह भी कहा गया कि सरकार ने सीमा सुरक्षा बलों को ‘गोले का जवाब गोली से’ देने का स्पष्ट अधिकार प्रदान किया है जहाँ विदेशी आतंकियों को घुसपैठ कराने का प्रयास साबित हो. IG आनंद ने कहा कि हमारी सेनाएं सीमा पार की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं और आवश्यकतानुसार कड़ा जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगी.

ड्रोन खतरों के खिलाफ प्रशिक्षण और तकनीक

आधुनिक युद्ध के स्वरूप में ड्रोन और मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) का उपयोग गतिशीलता के साथ बढ़ा है, ISR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, रिस्क) से लेकर हड़ताल तक ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. IG आनंद ने यह स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन विरोधी तंत्र और एयर डिफेंस सिस्टम कारगर रहे, लेकिन अति-आत्मविश्वास रखना ठीक नहीं होगा.

BSF ने उठाए कई कदम

ग्वालियर (Gwalior) स्थित अपनी अकादमी में हाल ही में ‘ड्रोन युद्ध विद्यालय’ (Drone Warfare School) का आयोजन किया गया, जिसमें जवानों और अधिकारियों को ड्रोन-रोधी तकनीक, ऑपरेशन और जामिंग-निवारण तरीकों की ट्रेनिंग दी गई.

तकनीकी उपायों में RF जामर्स, काउंटर-UAV सिस्टम, तेज़ रेस्पॉन्स ड्रोन टीम्स और समन्वित दिशा-नियंत्रण शामिल हैं (अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल के माध्यम से).

विशेष रूप से प्रशिक्षित टीमें और तैनाती योजनाएँ तैयार की जा रही हैं ताकि सीमापार से लॉन्च किए जाने वाले ड्रोन का समय रहते पता लगाया जा सके और प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सके.

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