राजधानी एक्सप्रेस में सेना का जवान बना फरिस्‍ता; थम चुकी थी बच्‍चे की सांस, कुछ यूं बचाई जान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Indian Army soldier: कब, कौन, कहां से किसके लिए फरिस्‍ता बन के आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. कुछ ऐसा ही राजधानी एक्सप्रेस में देखने को मिला है. दरअसल, ट्रेन में सफर कर रहे भारतीय सेना के जवान ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से एक 8 महीने के बच्चे की जान बचा ली. जिसके बाद सेना के जवान की काफी प्रशंसा की जा रही है.

कोच में मची अफरातफरी

दरअसल, सेपॉय सुनील, जो 456 फील्ड हॉस्पिटल में एम्बुलेंस असिस्टेंट हैं, छुट्टी से लौटते समय राजधानी एक्सप्रेस के S4 कोच में यात्रा कर रहे थे. तभी करीब शाम साढ़े 4 बजे एक बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वो बेहोश हो गया. इस दौरान बच्चे की मां भी डर के मारे बेहोश हो गईं, जिससे कोच में अफरातफरी मच गई.

इस दौरान सेना के जवान, सेपॉय सुनील तुरंत आगे आए और उन्होंने बच्चे की जांच की. इस बीच उन्‍होंने देखा कि बच्‍चे की सांसें बंद थीं. ऐसे में उन्होंने तुरंत CPR (दिल और फेफड़ों की दबाव तकनीक) शुरू की और माउथ-टू-माउथ ब्रीदिंग दी. कुछ ही मिनटों में बच्चा फिर से सांस लेने लगा. जिसके बाद पूरे कोच में जवान की प्रशंसा होने लगी.

अस्पताल में कराया भर्ती

इसके बाद सुनील ने ट्रेन स्टाफ और रेलवे पुलिस की मदद से बच्चे को रंगिया स्टेशन पर आगे इलाज के लिए भेजा गया. इस मामले ने इस बात को एक बार फिर दिखाया कि मेडिकल अवेयरनेस कितनी जरूरी है. सेना के जवान की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई से एक मासूम की जान बच गई. उनके इस कदम ने दिखाया कि भारतीय सैनिक न सिर्फ सीमा पर, बल्कि हर जगह देशवासियों की सेवा के लिए तैयार रहते हैं.

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