अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनावः संघर्ष विराम वार्ता को लेकर दोनों देशों के प्रतिनिधि पहुंचे दोहा

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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दोहाः अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच संघर्ष विराम को लेकर वार्ता होगी. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में छिड़े संघर्ष के बीच दोनों देशों के नेता शांति वार्ता के लिए शनिवार को दोहा पहुंच चुके हैं. अब उनके बीच शांति को लेकर वार्ता होनी है. इस वार्चा में शामिल होने के लिए प्लेन से अफगान और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल कतर की राजधानी दोहा पहुंच गए हैं. इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करना और विवादों को बातचीत के जरिए हल करना है.

अफगानिस्तानपाकिस्तान में चल रही है झड़प

हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं, जिनमें दर्जनों लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दोनों देश वार्ता की पहल कर रहे हैं, ताकि सीमा पर स्थिति को सामान्य किया जा सके. शनिवार को तालिबान सरकार ने बताया कि अफगान प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख शामिल हैं, जो वार्ता की गंभीरता को दर्शाता है. दूसरी ओर पाकिस्तान के सरकारी प्रसारक ‘पीटीवी’ ने भी पुष्टि की कि उनका प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दोहा के लिए रवाना होगा, हालांकि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

दोनों देशों ने अपनी-अपनी तरफ से लगाए ये आरोप

दोनों देशों ने अपनी-अपनी तरफ से यह आरोप लगाया है कि वे सिर्फ एक-दूसरे की आक्रामकता का जवाब दे रहे हैं. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर सीमा के निकट आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जिनके हमलों से सीमा सुरक्षा प्रभावित हो रही है. पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी समूह उनके लिए खतरा बने हुए हैं और वे इन्हें रोकने की मांग कर रहे हैं. इसके विपरीत, तालिबान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वे अपने क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

पाकिस्तान-अफगानिस्तान में क्या है तनाव

दोनों देशों के बीच इस तनाव की जड़ें लंबे समय से चली आ रही हैं. इन तनाव में सीमा विवाद, आतंकवाद के मामलों और राजनीतिक अस्थिरता शामिल हैं. इस बार की वार्ता को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हाल की लड़ाइयों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बिगाड़ दिया है.

दोहा में होने वाली यह बैठक शांति स्थापना और सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रयास है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस वार्ता के जरिए दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और स्थायी समाधान खोजने का प्रयास करेंगे. यदि वार्ता सफल होती है, तो यह न सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए शांति और स्थिरता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है. फिलहाल, इस वार्ता पर दुनिया निगाहें लगी हुई हैं.

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