Dubai: महादेव ऑनलाइन बेटिंग का मुख्य आरोपी रवि उप्पल भारत में प्रत्यर्पण से पहले ही दुबई से लापता हो गया है. खबर मिल रही है कि वह न तो भारतीय अधिकारियों की हिरासत में है और न ही UAE को उसके बारे में कोई जानकारी है. वह लापता हो गया है और कथित तौर पर उसका प्रत्यर्पण रोक दिया गया है. इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना था, लेकिन प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबित रह गई और रवि को 45 दिन बाद रिहा कर दिया गया था.
समय पर नहीं दिए गए दस्तावेज
UAE ने प्रत्यर्पण के लिए जो दस्तावेज मांगे थे, वह समय पर नहीं दिए गए. वहीं ED ने कहा कि सभी जरूरी दस्तावेज समय पर ही जमा किए गए थे. रवि उप्पल की रिहाई के बाद भी उसे कड़ी निगरानी में रखा गया था. भारत को सूचना दे दी गई है कि उप्पल UAE से किसी अज्ञात स्थान पर चला गया है. रवि उप्पल का साथी सौरभ चंद्राकर अभी भी दुबई के अधिकारियों की हिरासत में है.
ललित मोदी के पास भी था द्वीपीय देश वानुअतु का पासपोर्ट
रवि उप्पल के पास दक्षिण प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश वानुअतु का पासपोर्ट है. ये वही देश है, जिसका पासपोर्ट ललित मोदी के पास भी था. लेकिन बाद में वानुअतु ने ललित मोदी का पासपोर्ट ये कहते हुए रद कर दिया था कि प्रत्यर्पण से बचना उस देश में नागरिकता लेने का कोई वैध कारण नहीं है. ऑस्ट्रेलिया से लगभग 2000 किमी दूर स्थित वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला है.
नेटवर्क का विस्तार करने के इरादे से खरीदीं द्वीपों पर संपत्तियाँ
रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने अपने आपराधिक नेटवर्क का विस्तार करने के इरादे से द्वीपों पर संपत्तियाँ खरीदीं और उनके पास वानुअतु की नागरिकता भी है. आरोप है कि 2018 में स्थापित महादेव एप कथित तौर पर प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रहा था.
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