कोयला मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि उसने झारखंड और ओडिशा में तीन कोयला ब्लॉक्स की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, जिसमें लगभग 7,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होने की संभावना है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह नीलामी वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 13वें दौर के अंतर्गत आयोजित की गई थी. इस दौर की शुरुआत 21 अगस्त 2025 को हुई थी, और 20 नवंबर से 25 नवंबर 2025 तक अग्रिम नीलामी आयोजित की गई.
इस दौरान तीन पूरी तरह से अन्वेषित कोयला ब्लॉकों की नीलामी सफल रही. इन ब्लॉकों में कुल 3,306.58 मिलियन टन का भूगर्भीय भंडार मौजूद है, और उनकी पीक रेटेड क्षमता (PRC) 49 एमटीपीए है. बयान में आगे कहा कि इन तीनों ब्लॉकों से लगभग 4,620.69 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा और लगभग 7,350 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आकर्षित होगा और 66,248 रोजगार के अवसर सृजित होंगे. वर्ष 2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से, कुल 136 कोयला ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है, जिनकी उत्पादन क्षमता 325.04 मिलियन टन प्रति वर्ष है.
चालू होने के बाद, ये ब्लॉक घरेलू कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे और कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के देश के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे. इन कोयला ब्लॉकों से अनुमानित वार्षिक राजस्व लगभग 43,330 करोड़ रुपए होने की संभावना है, जबकि कुल पूंजी निवेश 48,756 करोड़ रुपए तक पहुँच सकता है और कोयला-उत्पादक क्षेत्रों में लगभग 4,39,447 नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. सरकारी बयान में कहा गया कि ये उपलब्धियां कोयला क्षेत्र को आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बनाने के लिए कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.
मंत्रालय देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने, आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के माध्यम से एक मजबूत, लचीला और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में काम कर रहा है.