United Nations Chief: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने यमन के हूती विद्रोहियों से अपील की है कि वो हिरासत में लिए गए संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर मुकदमा ना चलाएं. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र, विदेशी एजेंसियों और मिशनों के लिए काम करने वाले सभी कर्मचारियों को तुरंत रिहा जाए. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हूती के कदम की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की हिरासत को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है.
‘यह चिंताजनक है‘
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में 59 संयुक्त राष्ट्र कर्मी ईरान समर्थित हूती द्वारा हिरासत में लिए गए हैं. इसके अलावा गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और राजनयिक मिशनों के दर्जनों लोग भी हिरासत में हैं, उनमें से कई को यमन की राजधानी सना में आपराधिक न्यायालय में भेजा गया है. दुजारिक ने कहा कि “मुझे लगता है कि यह सब हमारे लिए बहुत, बहुत चिंताजनक है.”
17 लोगों को सुनाई गई थी मौत की सजा
बता दें कि नवंबर के अंत में हूती के विशेष आपराधिक न्यायालय ने 17 लोगों को विदेशी सरकारों के लिए जासूसी करने का दोषी ठहराया था. हूती मीडिया के मुताबिक, अदालत ने कहा कि 17 लोग “अमेरिकी, इजरायली और सऊदी खुफिया एजेंसियों से जुड़े एक जासूसी नेटवर्क के भीतर जासूसी सेल” का हिस्सा थे. उन्हें सार्वजनिक रूप से मौत की सजा सुनाई गई, लेकिन उनमें से कुछ के वकील ने कहा कि इस सजा के खिलाफ अपील की जा सकती है.
मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने एक बयान में कहा कि अदालत में भेजे गए लोगों में से एक उनके कार्यालय का था. उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी, जिन्हें नवंबर 2021 से हिरासत में लिया गया है, उन्हें “उनके काम से जुड़े जासूसी के मनगढ़ंत आरोपों” पर “तथाकथित” अदालत में पेश किया गया था. तुर्क ने कहा कि “यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.” वोल्कर ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को असहनीय परिस्थितियों में रखा गया है और उनके कार्यालय को कई लोगों के साथ दुर्व्यवहार की चिंताजनक रिपोर्ट मिली हैं.
हूती के साथ संपर्क में संयुक्त राष्ट्र
दुजारिक का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र हूती के साथ लगातार संपर्क में है. महासचिव और अन्य लोगों ने भी ईरान, सऊदी अरब, ओमान और अन्य देशों के साथ हिरासत में लिए गए लोगों का मुद्दा उठाया है. बता दें कि हूतियों ने 2014 में सना पर कब्जा कर लिया था और तब से वो यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार के साथ गृह युद्ध में लगे हुए हैं, जिसे सऊदी के नेतृत्व वाले मिलिट्री गठबंधन का समर्थन प्राप्त है.
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