अबुजा: नाइजीरिया में सैनिकों ने कहर बरपाया है. सैनिकों ने पूर्वोत्तर अदामावा राज्य में सांप्रदायिक झड़पों से निपटने को लेकर सेना के तरीके का विरोध कर रही महिलाओं पर ताबड़तोड़ गोलिया चलाई. इस गोलीबारी में 9 महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि दस अन्य लोग घायल हुए है. एसोसिएटेड प्रेस को गवाहों और पीड़ितों के रिश्तेदारों ने बताया कि महिलाएं अदामावा के लामुर्दे इलाके में एक मुख्य सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं. जब सैनिकों को रास्ता देने से रोका गया तो उन्होंने उन पर गोलियां चला दी.
क्या कहा नाइजीरियाई सेना ने?
अपने बयान में नाइजीरियाई सेना ने किसी को भी मारने से इनकार किया और मौतों के लिए एक स्थानीय मिलिशिया को दोषी ठहराया, जिसके बारे में उसने कहा कि उसने इलाके में गोलीबारी की थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल के नाइजीरिया कार्यालय ने कहा कि एजेंसी ने पुष्टि की है कि सैनिकों ने 9 प्रदर्शनकारियों को मार डाला, जिसमें गवाहों और पीड़ितों के परिवारों के बयानों का हवाला दिया गया है.
पहले भी नाइजीरिया में हुए हैं ऐसे मामले
मालूम हो कि नाइजीरिया में ऐसी हत्याएं आम हैं, जहां विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के जवाब में तैनात सैनिकों पर अक्सर अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप लगाया जाता है. 2020 में नाइजीरिया के आर्थिक केंद्र लागोस में पुलिस क्रूरता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तब खत्म हुआ, जब सैनिकों ने विरोध स्थल पर गोली चला दी थी. इस घटना को सरकार की ओर से गठित एक जांच आयोग ने नरसंहार बताया था.
ताजा घटना अदामावा के बाचामा और चोबो जातीय समूहों के बीच लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद को लेकर लगातार झड़पों के बाद लामुर्दे में अधिकारियों की ओर से लगाए गए कर्फ्यू के बीच हुई है. लामुर्दे का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षद लॉसन इग्नेशियस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी इस बात से नाराज थे कि सैनिकों सहित सुरक्षा बल प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू नहीं कर रहे थे, जिससे झड़पें जारी रहीं.
क्या कहा पीड़ित महिला ने?
ग्येले कैनेडी नाम की एक महिला ने कहा कि उनकी बेटी उन प्रदर्शनकारियों में से थी, जिन्हें गोली मार दी गई थी. कैनेडी ने कहा, “सैनिक उस जगह से जा रहे थे जहां संघर्ष हुआ था, वो आए और महिलाओं को विरोध करते हुए देखा, तभी एक सैनिक ने हवा में गोली चला दी. उसके बाद, उन्होंने महिलाओं पर गोली चला दी.”
नाइजीरिया की सेना जांच के दायरे में
ये हत्याएं ऐसे समय में हुई हैं, जब नाइजीरियाई सेना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जांच के दायरे में है. ट्रंप ने कहा था कि नाइजीरिया के सुरक्षा संकटों में ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है और सुरक्षा बल हत्याओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं. निवासियों का कहना है कि गांवों में फैली हिंसा से ईसाई और मुस्लिम दोनों प्रभावित हुए हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल के नाइजीरिया कार्यालय ने इन हत्याओं की जांच करने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है.

