अनिश्चितता के दौर में सोना-चांदी रहे निवेशकों की पहली पसंद, 2026 में उम्मीदें बरकरार

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
इस साल दुनियाभर में कई तरह की अनिश्चितताएं देखने को मिलीं, लेकिन कीमती धातुओं यानी सोना और चांदी ने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया. खास बात यह रही कि चांदी ने सभी को चौंकाते हुए सोने से भी अधिक लाभ पहुँचाया. इस साल चांदी की कीमतों में 137% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, जबकि सोने की कीमत करीब 68% बढ़ी. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़े, जिसमें सोना और चांदी सबसे प्रमुख बने.
इन दोनों में चांदी ने विशेष रूप से बेहतर प्रदर्शन किया. सोने की कीमत में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण रहे, जैसे भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई की चिंता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, जिससे निवेशकों ने सोने में ज्यादा निवेश करना शुरू किया.

केंद्रीय बैंक खरीद और उद्योगिक मांग से कीमतें बढ़ीं

सोने की कीमत बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि दुनिया के कई केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं. लगातार तीन वर्षों – 2022, 2023 और 2024 में केंद्रीय बैंकों ने हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीदा. इसके अलावा, कई निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ के जरिए भी सोने में पैसा लगाया. दुनिया के बड़े बैंक भी सोने को लेकर काफी सकारात्मक हैं. गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है. वहीं, ड्यूश बैंक का मानना है कि 2026 में सोने की कीमत 4,450 डॉलर प्रति औंस हो सकती है.
हालांकि, चांदी की कीमत बढ़ने का कारण सिर्फ सुरक्षित निवेश की मांग नहीं है. इसका इस्तेमाल उद्योगों में भी बहुत होता है. सोलर पावर, इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है.

2026 में निवेश की संभावनाएं

साथ ही, चांदी की आपूर्ति सीमित रहने के कारण इसकी कीमत और बढ़ गई. कीमती धातु होने के साथ-साथ उद्योगों में इसके इस्तेमाल ने भी 2025 में चांदी को सोने से दोगुना लाभ दिलाया. विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भी चांदी की तेजी जारी रह सकती है. मजबूत औद्योगिक मांग और कम आपूर्ति के चलते अगले साल चांदी की कीमत 15 से 20% तक और बढ़ सकती है. कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि 2026 के पहले छह महीनों में चांदी 20 से 25% तक का अतिरिक्त मुनाफा दे सकती है.
हालांकि, वे निवेशकों को सलाह देते हैं कि निवेश क्रमिक रूप से करें, खासकर जब कीमतों में थोड़ी गिरावट आए. सोने का भविष्य भी 2026 के लिए सकारात्मक माना जा रहा है. केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद, अमेरिका में संभावित ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते सोने की कीमत को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

सोना-चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर

विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंकों की गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि वे आगे चलकर कीमतों का संकेत देती हैं. वहीं अगर इनकी कीमतों की बात करें, तो बुधवार सुबह के कारोबारी सत्र में एमसीएक्स पर सोने और चांदी, दोनों की कीमतें नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं. अमेरिकी डॉलर कमजोर होने और यूएस फेड के ब्याज दर में कटौती की उम्मीद से कीमतों में तेजी आई. इस दौरान, फरवरी डिलीवरी वाला सोने का वायदा भाव 1,38,676 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया, जबकि मार्च डिलीवरी वाली चांदी 2,24,430 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई.
वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमत पहली बार 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई. निवेशकों की उम्मीद है कि अमेरिका अगले साल ब्याज दरें और कम कर सकता है, इसलिए वे सुरक्षित निवेश के तौर पर सोना खरीद रहे हैं.
यह भी पढ़े: सरकार कौशल में इंडस्ट्री की सह-मालिकता को कर रही है मजबूत: जयंत चौधरी
Latest News

‘ऑनलाइन बेटिंग एप के जाल में फंसे तीन युवाओं ने की खुदकुशी’!, लगातार बढता जा रहा था कर्ज

New Delhi: ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स और गेम्स देश के युवाओं के लिए खतरा बन गए है. इसमें पैसे हारने...

More Articles Like This