India-Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद के सीजफायर को लेकर विश्व स्तर पर राजनीति चल रही है. पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह कह रहे थे कि उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुका. वहीं अब क्रेडिट की इस लड़ाई में चीन ने एंट्री ले ली है. हालांकि, भारत ने शुरुआत से ही किसी भी तीसरे पक्ष की ओर से ऐसी किसी भी मध्यस्थता से इनकार किया है.
India-Pakistan Ceasefire को लेकर चीन ने किया ये दावा
हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत और पाकिस्तान और कंबोडिया और थाईलैंड समेत कई तनाव वाले क्षेत्रों में शांति के लिए सुलह कराने का क्रेडिट लिया. हालांकि, भारत की तरफ से फिलहाल इस मामले में आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और चीन के विदेशी संबंधों पर सिंपोजियम में बोलते हुए विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “इस साल स्थानीय लड़ाई और सीमा पार के झगड़े द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद के किसी भी समय से ज्यादा बार भड़के. भू-राजनीतिक उथल-पुथल रही. स्थायी शांति बनाए रखने के लिए, हमने एक उद्देश्य के साथ सही रवैया अपनाया और लक्षणों और असली वजहों, दोनों को सुलझाने पर फोकस किया है.”
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच झगड़े में बीच-बचाव किया
उन्होंने आगे कहा, “हॉटस्पॉट मुद्दों को सुलझाने के इस चीनी तरीके को अपनाते हुए, हमने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच के मुद्दों और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हालिया झगड़े में बीच-बचाव किया.” बता दें, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक कई बार इस बात को दोहराया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने युद्ध रुकवाया. हालांकि, भारत लगातार इन दावों को खारिज कर रहा है.
चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है
हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि भारत द्वारा किया गया सैन्य अभियान उसे अफसोसजनक लगा है. वहीं, पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है. इसके साथ ही चीन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने और संयम बरतने की अपील भी की थी.

