मरे हुए व्यक्ति के कपड़े और गहने पहनने चाहिए या नहीं? जानिए क्या कहता है शास्त्र

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Dead Person Clothes: जीवन का शाश्‍वत सत्‍य है मृत्‍यु. जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्‍यु होनी ही है. इस संसार में कोई भी अमर नहीं हैं. जीवन की यात्रा पूरा करने के बाद एक दिन शरीर को त्‍याग देना हैं. किसी भी व्‍यक्ति के मरने के बाद अगर कुछ रह जाती है तो बस उसकी यादें और उससे जुड़ी चीजें. कई बार लोगों के मुंह से आपने सुना होगा कि मरे हुए व्‍यक्ति के कपड़े या गहने नहीं पहनना चाहिए. हालांकि ज्‍यादातर लोग मरे हुए व्‍यक्ति के चीजों का इस्‍तेमाल करते हैं. ऐसे में शास्‍त्रों के अनुसार आज हम जानेंगे कि मृत व्यक्ति की चीजों का उपयोग करना चाहिए या नहीं.

मरे हुए व्यक्ति के गहने पहनना सही या गलत

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत व्यक्ति के गहने धारण नहीं करने चाहिए. गहनों को आप यादगार के तौर पर अपने पास रख सकते हैं, लेकिन उन्हें पहनने से मृत व्यक्ति की आत्मा आपकी ओर आकर्षित हो सकती है. उन्हें माया का बंधन तोड़ने में मुश्किलें हो सकती हैं. हालांकि अगर मृत्यु से पहले किसी ने अपने गहने आपको उपहार स्‍वरूप दे दिया है तो आप उन्हें पहन सकते हैं. साथ ही मृत व्यक्ति के गहनों को पिघलाकर नया रूप देकर पहना जा सकता है.

मृत व्यक्ति के कपड़ें पहनना चाहिए कि नहीं

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत व्यक्ति के कपड़े गलती से भी नहीं पहनने चाहिए. कपड़ों पर भी जीवात्मा आकर्षित होती है, खासकर घर के सदस्य मृत व्यक्ति के कपड़ों को पहनते हैं तो बुरा असर होने की संभावना होती है. इसके वजह से मृत व्यक्ति की आत्मा आसानी से मोह के बंधनों को नहीं तोड़ पाती और भटकती रहती है. पुराण की मानें तो मृतक के कपड़ों को पहनने से आप पर पितृदोष भी लग सकता है. इसलिए मृतक के करीबी लोगों को इन कपड़ों को नहीं धारण करना चाहिए. हालांकि आप अनजान लोगों को ये कपड़े भेंट कर सकते हैं या दान में दे सकते हैं.

मरे हुए व्‍यक्ति से संबंधित अन्य चीजों का क्या करें

मृतक से जुड़ी अन्य चीजों को या तो यादगार के तौर पर रख लेना चाहिए या फिर किसी को दान कर देना चाहिए. गलती से भी मृतक की घड़ी को नहीं पहनना चाहिए, ऐसा करने से पितृदोष लग सकता है. प्रतिदिन मृतक जिन चीजों का इस्‍तेमाल करता था, जैसे- कंघी, साज-सज्जा के सामान दाढ़ी बनाने के सामान आदि को किसी को दान कर देना चाहिए या फिर नष्ट कर देना चाहिए.

पुराण के अनुसार, जिस बिस्‍तर पर मृतक सोता था उसे भी दान में दे देना चाहिए. साथ ही शास्त्रों में ये भी वर्णित हैं कि मृत व्यक्ति की कुंडली को भी घर में नहीं रखना चाहिए, इसे किसी मंदिर में रख देना चाहिए या किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. ऐसा करने से मृतक की आत्मा को मुक्ति पाने में सहायता मिलती है.

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