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केंद्र सरकार (Central Government) ने आपात स्थिति में उपयोग होने वाली चार जरूरी दवाओं और 37 एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमतें तय कर दी हैं. यह फैसला राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Drug Pricing Authority) द्वारा लिया गया है. इन दवाओं की सीलिंग प्राइस (GST सहित) निर्धारित की गई है. इनमें वे दवाएं शामिल हैं जो संक्रमण, हृदय संबंधी समस्याओं, सूजन, डायबिटीज और विटामिन की कमी जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती हैं.
💊 प्रमुख दवाओं की तय की गई नई कीमतें
इप्राट्रोपियम
👉 उपयोग: क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के इलाज में
💰 नई कीमत: ₹2.96 प्रति मिलीलीटर
सोडियम नाइट्रोप्रसाइड
👉 उपयोग: हाई ब्लड प्रेशर और हृदय विफलता की स्थिति में
💰 नई कीमत: ₹28.99 प्रति मिलीलीटर
डिल्टियाजेम
👉 उपयोग: उच्च रक्तचाप और एंजाइना (सीने में दर्द) के उपचार में
💰 नई कीमत: ₹26.72 प्रति कैप्सूल
पोविडोन आयोडीन
👉 उपयोग: त्वचा कीटाणुशोधन, कटे-घावों की देखभाल में
💰 नई कीमत: ₹6.26 प्रति ग्राम
💊 अन्य जरूरी दवाएं भी होंगी सस्ती
पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन, मेटफॉर्मिन और सूजनरोधी दवाएं जैसे एसिक्लोफेनाक, पैरासिटामोल-ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन मिश्रण, और एटोरवास्टेटिन-क्लोपिडोग्रेल संयोजन की कीमतें भी कम की गई हैं.
📋 एनपीपीए के दिशा-निर्देश
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने स्पष्ट किया है कि जिन दवाओं का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) सीलिंग प्राइस से कम है, वे उसी मौजूदा दर पर बिकती रहेंगी. हालांकि, कोई भी ब्रांडेड या जेनेरिक दवा निर्धारित सीलिंग प्राइस से अधिक कीमत पर नहीं बेची जा सकती. नई दरें GST मुक्त हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर कुछ अतिरिक्त शुल्क जोड़े जा सकते हैं. साथ ही, खुदरा विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे इन नई कीमतों को अपनी दुकानों में स्पष्ट और प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करें और इनका सख्ती से पालन करें .गैर-अनुपालन को DPCO और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा, जिसमें ब्याज सहित अतिरिक्त वसूली शामिल होगी.
उपभोक्ताओं को राहत
यह कदम किफायती स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जो मरीजों को सस्ती और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराएगा.