भारत के अस्पताल उद्योग का भविष्य सकारात्मक नजर आ रहा है. FY27 में अस्पताल क्षेत्र का राजस्व 18 से 20% तक बढ़ने की उम्मीद है. यह जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि 11 बड़ी सूचीबद्ध अस्पताल कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या (ऑक्यूपेंसी) और प्रति बेड औसत कमाई (एआरपीओबी) स्थिर रहने से विकास को मजबूती मिल रही है.
FY26 में अस्पताल क्षेत्र में लगातार मजबूत प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2026 में भारतीय अस्पताल क्षेत्र में 16 से 18% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो यह दिखाता है कि अस्पतालों का कामकाज और मांग लगातार मजबूत बनी हुई है. कॉर्पोरेट रेटिंग्स आईसीआरए की वाइस प्रेसिडेंट और सेक्टर हेड माइथ्री माचेरला ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में भी अस्पतालों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है, क्योंकि मरीजों की संख्या और प्रति बेड कमाई दोनों बेहतर हैं. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में अस्पतालों में बेड की औसत भराव क्षमता 62 से 64% के बीच रहने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2025 में 63.5% थी.
प्रति बेड कमाई में 6-8% की बढ़ोतरी और ऑपरेटिंग प्रॉफिट
प्रति बेड औसत कमाई में 6 से 8% की बढ़ोतरी की संभावना है. आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में अस्पताल कंपनियों की कमाई में 16% की सालाना वृद्धि हुई. इस दौरान मरीजों की संख्या 63.3% रही और प्रति बेड कमाई में 7.8% की बढ़त दर्ज की गई. अस्पतालों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (ओपीएम) 23.7% रहा, जिसका कारण बेहतर इलाज और खर्चों पर नियंत्रण था.
प्रॉफिट मार्जिन 22-24% और टियर-2/3 शहरों में विस्तार
आईसीआरए के अनुसार, खर्च कम करने और बेहतर मरीज एवं भुगतान प्रबंधन के चलते FY26 में अस्पतालों का प्रॉफिट मार्जिन 22 से 24% के बीच रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में नए अस्पतालों के निर्माण और पुराने अस्पतालों के विस्तार के बावजूद अस्पताल कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहेगी. फार्मा क्षेत्र के लिए स्थिति स्थिर रहने की संभावना है और इस सेक्टर में कमाई 9 से 11% बढ़ सकती है.
फार्मा क्षेत्र की वृद्धि और वैश्विक बिक्री
आईसीआरए के अनुसार, भारत में दवाओं की घरेलू बिक्री 8 से 10% और यूरोप में 15 से 17% तक बढ़ सकती है. हालांकि, अमेरिका में लेनालिडोमाइड जैसी कुछ दवाओं की कीमतों पर दबाव के चलते वहां ग्रोथ 4 से 6% तक सीमित रह सकती है. दवा कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2026 में भी 24 से 25% के स्तर पर स्थिर रहने की संभावना है, क्योंकि कच्चे माल की कीमतें स्थिर हैं और मुख्य बाजारों में प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है.

