वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच भी भारत के आवासीय रियल एस्टेट सेक्टर ने 2025 की तीसरी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कुल आवासीय बिक्री मूल्य में सालाना आधार पर 14% की वृद्धि दर्ज की गई है. 2024 की तीसरी तिमाही में जहां कुल बिक्री 1.33 लाख करोड़ रुपये थी, वहीं 2025 की समान अवधि में यह बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. रिपोर्ट के मुताबिक, इस वृद्धि के पीछे घरों की बढ़ती मांग, आय में इज़ाफा, तेज़ी से हो रहा शहरीकरण और अपने घर का सपना पूरा करने की चाहत जैसे अहम कारक हैं.
2025 की तीसरी तिमाही में 97,080 घरों की हुई बिक्री
हालांकि, बिक्री की मात्रा में 9% की गिरावट के साथ, इस सेक्टर को अफोर्डेबिलिटी, लागत और विभिन्न बाजारों में असमान मांग जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की तीसरी तिमाही में टॉप सात शहरों में 97,080 घरों की बिक्री हुई, जबकि 2024 की तीसरी तिमाही में 1.07 लाख यूनिट की बिक्री हुई थी. टॉप सात शहरों में, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआ) में लगभग 30,260 यूनिट की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की गई, इसके बाद 16,620 यूनिट के साथ पुणे का स्थान रहा.
नई हाउसिंग सप्लाई में हुई मामूली 3% की वृद्धि
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनूज पुरी ने कहा, कुल मिलाकर, इन दो पश्चिमी शहरों ने 2025 की तीसरी तिमाही में टॉप 7 शहरों में कुल बिक्री का 48% हिस्सा लिया. चेन्नई और कोलकाता को छोड़कर, सभी टॉप शहरों में सालाना बिक्री में गिरावट दर्ज की गई. इन शहरों में नई हाउसिंग सप्लाई में मामूली 3% की वृद्धि हुई, 2025 की तीसरी तिमाही में लगभग 96,690 यूनिट लॉन्च किए गए, जबकि 2024 की इसी अवधि में 93,750 यूनिट लॉन्च किए गए थे. फिर भी, बिक्री लॉन्च से अधिक रहने से पता चलता है कि मांग-आपूर्ति का समीकरण मजबूत बना हुआ है.
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन ने इस तिमाही में 29,565 यूनिट लॉन्च कर नई सप्लाई में शीर्ष स्थान हासिल किया, इसके बाद पुणे ने लगभग 19,375 यूनिट लॉन्च किए. रिपोर्ट में कहा गया, दिलचस्प बात यह है कि जबकि अन्य शहरों में सालाना आधार पर नई सप्लाई में गिरावट आई, पुणे, कोलकाता और चेन्नई में नई सप्लाई क्रमशः 56 प्रतिशत और 38 प्रतिशत बढ़ी. 1.5 करोड़ रुपए की लग्जरी हाउसिंग कैटेगरी में 38 प्रतिशत की सबसे अधिक नई सप्लाई देखी गई, इसके बाद 80 लाख-1.5 करोड़ रुपए के प्रीमियम सेगमेंट का 24 प्रतिशत हिस्सा रहा.
40-80 लाख रुपए के मिड-सेगमेंट का इस तिमाही में कुल नई सप्लाई में 23 प्रतिशत का योगदान रहा, जबकि अफोर्डेबल सेगमेंट का हिस्सा 16 प्रतिशत के साथ सबसे कम था. 2025 की तीसरी तिमाही में भारत के सात प्रमुख शहरों में उपलब्ध हाउसिंग इन्वेंटरी में सालाना आधार पर थोड़ी कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तीसरी तिमाही के अंत तक जहां कुल इन्वेंटरी 5,64,415 यूनिट थी, वहीं 2025 की समान अवधि में यह घटकर लगभग 5,61,756 यूनिट रह गई.
औसत आवासीय संपत्ति कीमतों में 9% की सिंगल-डिजिट ग्रोथ
इसी अवधि में, औसत आवासीय संपत्ति कीमतों में 9% की सिंगल-डिजिट ग्रोथ देखी गई, जो बाजार की स्थिर मांग और डेवलपर्स की मूल्य निर्धारण रणनीतियों को दर्शाती है. इन सात प्रमुख शहरों में दिल्ली-एनसीआर ने 24% की सालाना वृद्धि के साथ सबसे अधिक आवासीय मूल्य वृद्धि दर्ज की। इसके बाद बेंगलुरु रहा, जहां 10% की बढ़ोतरी देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार, मानसून और श्राद्ध जैसे समय के बावजूद तीसरी तिमाही में तिमाही आधार पर हाउसिंग बिक्री 1% बढ़ी . कुल मिलाकर, 2025 में हाउसिंग मार्केट अब तक स्थिर है, और आगे त्योहारों के मौसम में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिसके लिए डेवलपर्स के पास कई प्रोजेक्ट तैयार हैं.
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