Meesho IPO 2025: UBS की Buy Call से शेयर 20% उछले, मार्केट कैप ₹97,600 करोड़

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Meesho IPO 2025: बुधवार को UBS की Buy रेटिंग के बाद मीशो के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला. ट्रेडिंग के दौरान शेयर करीब 20% तक चढ़े, जिससे इश्यू प्राइस के मुकाबले इसका कुल मुनाफा लगभग 95% पर पहुंच गया. ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक फंड जुटाने वाली कंपनियों में मीशो फिलहाल सबसे आगे बना हुआ है.

मार्केट कैप में बड़ा इजाफा

मीशो ने 10 दिसंबर को करीब 5,421 करोड़ रुपये जुटाकर लिस्टिंग की थी. आज इसका मार्केट कैप 97,600 करोड़ रुपये यानी लगभग 11 अरब डॉलर हो गया है. लिस्टिंग के समय कंपनी का वैल्यूएशन 50,100 करोड़ रुपये था, यानी निवेशकों की वैल्यू में करीब 47,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

शुरुआती प्रीमियम और फ्री-फ्लोट की कमी

शेयरों की तेजी का मुख्य कारण 162 रुपये का मजबूत शुरुआती भाव रहा, जो इश्यू प्राइस से 46 प्रतिशत अधिक था. पहले दिन का क्लोजिंग प्राइस 170 रुपये तक पहुँच गया. हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी अधिक होने के कारण ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध फ्री-फ्लोट सीमित है. ऐसे में मांग या आपूर्ति में मामूली बदलाव से भी शेयर की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है. लॉक-इन शेयरों का पहला बैच 6 जनवरी 2026 को खुलेगा.

यूबीएस का अनुमान

यूबीएस ने मीशो को ‘बाय’ रेटिंग दी है और 220 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है. ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी का एसेट-लाइट मॉडल और नेगेटिव वर्किंग कैपिटल स्ट्रक्चर इसे लगातार पॉजिटिव कैश फ्लो बनाने में सक्षम बनाता है. अनुमान है कि 2025 से 2030 के बीच मीशो का नेट मर्चेंडाइज वैल्यू लगभग 30 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा.

अन्य आईपीओ का प्रदर्शन

ग्रोव अपने इश्यू प्राइस से 43% ऊपर है, जबकि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 36% की बढ़त दर्ज की है. हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज 8% ऊपर है, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज सिर्फ 3% और लेंसकार्ट व टाटा कैपिटल लगभग स्थिर हैं.

क्यों चमक रहा है मीशो?

मीशो का शानदार प्रदर्शन भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर की मजबूती को दर्शाता है. कंपनी कम औसत ऑर्डर वैल्यू, अधिक यूजर सहभागिता और लागत नियंत्रण पर विशेष ध्यान देती है. लॉजिस्टिक्स की दक्षता से न केवल सेलर्स बल्कि यूजर्स को भी फायदा मिल रहा है, जिससे ऑर्डर वॉल्यूम बढ़ रहा है और कंपनी का इकोसिस्टम और मजबूत बन रहा है.

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