Delhi Blast: दिल्ली आतंकी मामले से जुड़े चार आरोपियों को राष्ट्रीय जांच एजंसी ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. जहां डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, मुफ्ती इरफान और डॉ. शाहीन सईद की एनआईए हिरासत को चार दिनों के लिए बढ़ा दिया है. सोमवार को इन सभी आरोपियों को विशेष एनआईए कोर्ट में पेश किया गया था.
यह मामला दिल्ली लालकिला के पास में हुए एक बड़े आतंकी हमले से संबंधित है, जिसकी जांच एनआईए कर रही है. हाल ही में जांच एजेंसी ने इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की थीं, जिनमें ये चारों आरोपी शामिल हैं. कोर्ट ने प्रारंभिक जांच के आधार पर इन आरोपियों को एनआईए की हिरासत में भेजा था, ताकि उनसे पूछताछ कर मामले की तह तक पहुंचा जा सके.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विशेष अदालत ने आरोपी सोएब की हिरासत को 10 दिनों के लिए और बढ़ा दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट में बीते शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सोएब को अदालत में पेश किया गया था, जिसके बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आंजू बजाज चंदना ने पूर्व 10-दिवसीय रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद यह फैसला सुनाया था. यह कार्यवाही एक बंद अदालत कक्ष में संपन्न हुई थी.
#WATCH | Delhi terror blast case | Special NIA court extends the NIA custody of Dr. Muzammil, Dr Adeel, Mufti Irfan and Dr. Shaheen Saeeda for four days.
They were produced before the Special NIA court in Patiala House court complex in Delhi. pic.twitter.com/ZokOZgj6bO
— ANI (@ANI) December 8, 2025
एनआईए के मुताबिक
एनआईए के मुताबिक, सोएब पर 10 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले से ठीक पहले बम बनाने वाले उमर उन नबी को शरण देने का आरोप है, जो फरीदाबाद का निवासी है. वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाला सातवां व्यक्ति है. यह हमला राजधानी में हाल के वर्षों में हुए सबसे गंभीर आतंकवादी हमलों में से एक था, जिसमें एक चलती हुई हुंडई आई20 कार में हुए विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे.
एनआईए ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी ने न केवल उमर उन नबी को शरण दी, बल्कि हमले से पहले आतंकवादी की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान किया. यह गिरफ्तारी उमर से जुड़े छह प्रमुख सहयोगियों की पहले की गिरफ्तारी के बाद हुई है, जिन्हें जांच के दौरान पकड़ा गया था. एनआईए का मानना है कि इस नई गिरफ्तारी से एजेंसी की बमबारी के पीछे के ऑपरेशनल नेटवर्क की समझ मजबूत हुई है.