Nepal violence: नेपाल की जेल में झड़प, तीन कैदियों की मौत, तनाव के बीच हजारों कैदी जेल से फरार

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Nepal Gen Z Protest: नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen-Z युवाओं के आंदोलन ने पूरे राष्ट्र को हिलाकर रख दिया. भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुए इस आंदोलन ने नेपाल की राजनीति ही बदल दी. सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं. इसका साफ असर अब नेपाल के जेलों पर भी दिखने लगा है. इसी सिलसिले में गुरुवार को रामेछाप जिले की एक जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में तीन कैदी मारे गए और 13 घायल हो गए. मंगलवार से अब तक जेलों में हुई झड़पों में कुल आठ कैदी मारे जा चुके हैं.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देशभर की 25 से ज्यादा जेलों से करीब 15,000 कैदी फरार हो चुके हैं. ये घटनाएं तब शुरू हुईं, जब जेन जेड समूह के नेतृत्व में पूरे नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए. इस आंदोलन के दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद देशभर में सेना ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए.

जहां एक ओर पूरे देश में हालात बेकाबू हो रहे हैं. वहीं नेपाल की कई जेलों से हिंसा की खबरें भी सामने आ रही है. इसी क्रम में गुरुवार को रामेछाप जिले की जेल में कैदियों ने गैस सिलेंडर से धमाका कर जेल से भागने की प्रयास किया. सुरक्षाबलों ने हालात को काबू में करने के लिए फायरिंग की, जिसमें तीन कैदियों की मौत हो गई और 13 घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जेलों में की आगजनी, तोड़े गेट

इससे पहले मंगलवार शाम से, युवाओं की भीड़ ने कई जेलों पर हमला कर प्रशासनिक इमारतों को आग के हवाले कर दिया और जेल के गेट तोड़ दिए. इससे काठमांडू की सुंदरहर जेल से 3,300, नक्कू जेल से 1,400 और डिल्लीबजार जेल से 1,100 कैदी फरार हो गए.

नेपाल के अन्य जेलों से भी फरार हुए सैकड़ों कैदी

नेपाल में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन का असर केवल कुछ जेलों तक सीमित नहीं है. इसका बड़ा असर देश के अन्य जेलों पर भी देखने को मिल रहा है. जहां से सैकड़ों कैदी जेल में हिंसक झड़प कर या आगजनी कर फरार हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक सुनसरी जिले के झुम्का जेल से 1575 कैदी, चितवन से 700 कैदी, कपिलवस्तु से 459 कैदी, कैलाली से 612 कैदी, कंचनपुर से 478 कैदी तो सिन्धुली से कुल 500 कैदी भाग गए हैं. वहीं रौतहट जिले के गौर जेल में कुल 291 कैदियों में से 260 फरार हो गए थे, जिनमें से अब तक सिर्फ 31 पकड़े जा सके हैं.

नेपाल के नाबालिग सुधार गृह में भी हिंसा

इससे पहले मंगलवार की रात पश्चिम नेपाल के नाबालिग सुधार गृह में भी हिंसा होने की खबर सामने आई. इस हिंसा में पांच नाबालिग कैदियों के मारे जाने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो मंगलवार को पश्चिम नेपाल के बांके जिले के नौबस्ता सुधार गृह में पांच नाबालिग कैदी पुलिस की गोलीबारी में मारे गए, जब वे सुरक्षा गार्ड के हथियार छीनने की कोशिश कर रहे थे.

भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ी सुरक्षा

नेपाल में जारी हिंसा के चलते भारत और नेपाल की सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कारण है कि नेपाल की जेलों में हिंसक झड़क के बाद कैदी भारत की सीमा की ओर भागने की फिराक में हैं. नेपाल पुलिस के मुताबिक, कई कैदी भारत की सीमा की ओर भागते हुए देखे गए हैं. इसको लेकर भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. उधर, नेपाल की जेलों से भागे 35 कैदियों को SSB ने यूपी-बिहार और बंगाल की सीमा पकड़ा है.

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