Pakistan: सरकार के खिलाफ छात्रों और शिक्षकों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में कई जगहों पर प्रदर्शन किया. सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों और छात्रों ने कम नामांकन वाले कॉलेजों को आउटसोर्स करने के फैसले और शिक्षकों की पदोन्नति के लिए एमफिल डिग्री और शोध कार्य अनिवार्य करने के प्रस्ताव के खिलाफ हल्ला बोला है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के आउटसोर्स के फैसले का विरोध करने के लिए जहां छात्र सड़कों पर जमा हो गए, तो वहीं, शिक्षकों ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया.
फैसला वापसी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे शिक्षक-छात्र
मालूम हो कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों ने सरकार से कम नामांकन वाले कॉलेजों, खासकर प्रांत के दूर-दराज के इलाकों में स्थित कॉलेजों को आउटसोर्स करने के अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया.
बताया जा रहा है कि सरकार इन कम नामांकन वाले कॉलेजों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र को आउटसोर्स करने की योजना बना रही है. प्रांतीय सरकार इन आउटसोर्स कॉलेजों में छात्रों की ट्यूशन फीस का वहन करेगी. निजी साझेदारी स्टाफिंग और प्रशासनिक कार्यों को संभालेंगे.
डॉन की रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि शिक्षकों ने सेवा नियमों में प्रस्तावित बदलाव का भी विरोध किया है, जिसके तहत पदोन्नति के लिए एमफिल की डिग्री और अपने क्षेत्र में शोध पत्र प्रकाशित करना अनिर्वाय कर दिया गया है.
मालूम हो कि पाकिस्तान के पेशावर में सरकारी सुपीरियर साइंस कॉलेज के छात्रों ने दीर कॉलोनी के पास एक व्यस्त रिंग रोड को अवरुद्ध कर दिया, साथ ही प्रांतीय के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया.