Trump: रविवार को थाईलैंड और कंबोडिया की सरकारों के बीच संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर हो गए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में ये हस्ताक्षर किए गए. मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर हिंसक झड़पें हुईं थी और दोनों देश युद्ध के मुहाने पर पहुंच गए थे. हालांकि, कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दखल के बाद दोनों देश संघर्ष विराम के लिए राजी हो गई थे. ट्रंप ने आर्थिक दबाव डालकर दोनों देशों के बीच शांति कराने का दावा किया था.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जुलाई में पांच दिनों तक लड़ाई चली थी, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग घायल हुए थे. जमीन पर दावे को लेकर दोनों देश भिड़े थे. हालांकि, ट्रंप के दखल के बाद दोनों देश संघर्ष विराम के लिए तैयार हो गए थे. समझौते के तहत पहले चरण में थाईलैंड और कंबोडिया कैदियों को रिहा करेंगे और कंबोडिया अपने तोपखाने को सीमा से हटाना शुरू करेगा. समझौते के तहत क्षेत्रीय ऑब्जर्वर स्थिति पर नजर रखेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि लड़ाई दोबारा शुरू न होने पाए.
कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘हमने कुछ ऐसा किया, जिसे लेकर बहुत से लोगों ने कहा था कि ये नहीं हो सकता’. कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया. थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता स्थायी शांति की बुनियाद तैयार करेगा.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम मलयेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित किया गया. दरअसल दोनों देशों के नेता इन दिनों आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कुआलालंपुर में मौजूद हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस सम्मेलन में शामिल लेने के लिए मलयेशिया पहुंचे हैं. संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के साथ अलग-अलग आर्थिक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए.