kamal Haasan ने राज्यसभा सांसद के तौर पर ली शपथ, डीएमके-एमएनएम गठबंधन का नतीजा

Divya Rai
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kamal Haasan: तमिलनाडु के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने शुक्रवार को राज्यसभा में सांसद के रूप में शपथ लेकर औपचारिक रूप से राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया. तमिल में शपथ लेते हुए, हासन ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों और नागरिक प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, “एक भारतीय होने के नाते, मैं अपना कर्तव्य निभाऊंगा.”

राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव

कमल हासन का उच्च सदन (राज्यसभा) में प्रवेश उनके राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. उनकी यात्रा आदर्शवादी उत्साह से शुरू होकर रणनीतिक व्यावहारिकता तक पहुंची है. कमल हासन ने फरवरी 2018 में मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएस) की स्थापना की, जिसे उन्होंने तमिलनाडु की प्रमुख द्रविड़ पार्टियों डीएमके और एआईडीएमके के विकल्प के रूप में पेश किया. कमल हासन के शुरुआती अभियानों में पारदर्शिता, जमीनी स्तर पर शासन, और तमिलनाडु की राजनीति में द्वंद्वों से मुक्ति पर जोर दिया गया था.

हासन ने राजनीतिक रणनीति में किया बदलाव

2019 के लोकसभा चुनावों में एमएनएस ने 37 सीटों पर चुनाव लड़ा और मामूली वोट शेयर हासिल किया, जबकि शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में उसका प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा. 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में हासन ने खुद कोयंबटूर दक्षिण से चुनाव लड़ा, जहां वे भाजपा की वनथी श्रीनिवासन से मामूली अंतर से हार गए. चुनावी रिकॉर्ड के अनुसार, इस झटके के बावजूद, एमएनएम को राज्यव्यापी वोटों का 2.6 प्रतिशत से अधिक प्राप्त हुआ. आंतरिक चुनौतियों और सीमित चुनावी प्रभाव के बाद, हासन ने अपनी राजनीतिक रणनीति में बदलाव किया. मार्च 2024 में, एमएनएम आम चुनावों से पहले डीएमके के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन में शामिल हुआ और वैचारिक अलगाव के बजाय गठबंधन बनाने को प्राथमिकता दी.

एमके स्टालिन ने किया नामांकन का समर्थन

तमिलनाडु (kamal Haasan) की सभी 39 लोकसभा सीटों पर डीएमके की क्लीन स्वीप का श्रेय आंशिक रूप से एमएनएम के समर्थन को दिया गया, और बाद में गठबंधन की सत्ता-साझाकरण व्यवस्था के तहत हासन को राज्यसभा सीट की पेशकश की गई. उन्होंने राष्ट्रीय हित और जनता की चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक व्यापक मंच की आवश्यकता का हवाला देते हुए, सीधे लोकसभा चुनाव के बजाय उच्च सदन का विकल्प चुना. हासन के नामांकन का समर्थन मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य वरिष्ठ नेताओं के समर्थन से 12 जून को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित किया गया.

एमएनएम को मिलेगा राष्ट्रीय विमर्श में पैर जमाने का मौका

संसद में उनके प्रवेश को व्यापक रूप से एक रणनीतिक उन्नति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे एमएनएम को राष्ट्रीय विमर्श में पैर जमाने का मौका मिलेगा और साथ ही भविष्य की राज्य-स्तरीय महत्वाकांक्षाओं के लिए जमीन तैयार होगी. इस साल की शुरुआत में एमएनएम की आठवीं वर्षगांठ पर, हासन ने इस बदलाव का संकेत देते हुए कहा था, “इस साल, हमारी आवाज संसद में सुनी जाएगी. अगले साल, आपकी आवाज राज्य विधानसभा में सुनी जाएगी.”

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