युवाओं में बढ़ रही किडनी स्टोन की समस्या, जीवनशैली सही कर पा सकते हैं निदान

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kidney Stone: गलत खानपान और कम पानी पीने की वजह से शरीर में धीरे-धीरे कई सारी परेशानियां होने लगती हैं. आज के समय में खराब जीवनशैली की वजह से युवाओं से लेकर बुजुर्गों में किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बहुत ज्यादा देखी जा रही है. कई बार पथरी की परेशानी को दवा लेकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में दवा की जगह सर्जरी का सहारा लिया जाता है.

इस वजह से होता है Kidney Stone

आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को “अश्मरी रोग” कहा जाता है, जिसका सीधा अर्थ है शरीर में किसी कठोर संरचना का बनना. आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को वात, पित्त और कफ तीनों के असंतुलन से जोड़कर देखा गया है. शरीर में तीनों दोषों का संतुलन तब होता है जब शरीर को सही मात्रा में पानी न दिया जाए और ज्यादा नमक, मांसाहार, प्रोटीन और मसालेदार भोजन का सेवन किया जाए. इसके साथ ही जीवनशैली का खराब होना भी किडनी स्टोन होने का बड़ा कारण है. खाने के बाद तुरंत लेट जाने से पाचन शक्ति कमजोर होती है और खाना सही से नहीं पचता है. ऐसे में किडनी स्टोन का खतरा ज्यादा रहता है.

सर्जरी का लेना पड़ सकता है सहारा

आयुर्वेद मानता है कि जब शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों का असंतुलन होता है तो मूत्रवाहिनी में खनिज और लवण जमना शुरू हो जाते हैं और कठोर रूप ले लेते हैं. इन्हें ही किडनी स्टोन या पथरी कहा जाता है. समय के साथ इनका आकार बढ़ता रहता है. शुरुआती स्तर पर दवाओं से किडनी स्टोन का इलाज संभव है, लेकिन आकार ज्यादा बड़ा हो जाने पर सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है. आयुर्वेद ने कई प्राकृतिक उपाय बताए हैं, कुछ किडनी स्टोन के लिए, जिनके जरिए काफी हद तक किडनी स्टोन की परेशानी को कम किया जा सकता है. किडनी स्टोन की समस्या होने पर नारियल पानी का सेवन दिन में दो बार करना चाहिए और खूब सारा पानी भी पीना चाहिए. नारियल पानी शरीर को ठंडक देता है और यूरिन को पतला करने में भी सहायक है.

तुलसी और शहद का सेवन लाभकारी

तुलसी और शहद का सेवन भी किडनी स्टोन के लिए लाभकारी होता है. तुलसी और शहद पित्त को संतुलित करते हैं और पथरी की स्थिति को कंट्रोल करते हैं. इसके लिए रोजाना तुलसी और शहद को मिलाकर लेना चाहिए. इसके अलावा लौकी का रस लेना भी लाभकारी होता है. यह मूत्रवाहिनी मार्ग पर होने वाले संक्रमण को कम करता है. इस रस का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए. आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श से गोखरू और गोकुलाक्षी क्वाथ चूर्ण का सेवन किया जा सकता है. ये आयुर्वेदिक चूर्ण मूत्रमार्ग को साफ करने में मदद करते हैं और किडनी स्टोन को तोड़ने की ताकत भी रखते हैं.

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