Nawada Borsi Gas Death: बिहार के नवादा जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने सर्दी के मौसम में बरती जाने वाली लापरवाही के खतरों को उजागर कर दिया है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के त्रिलोकी बीघा गांव में बोरसी (अंगीठी) से निकली गैस के कारण एक ही परिवार पर कहर टूट पड़ा. बंद कमरे में सो रहे नाना और उनके मासूम नाती की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य गंभीर हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.
शनिवार रात की है घटना
यह हादसा शनिवार रात का है, जब ठंड से बचाव के लिए परिवार ने कमरे के अंदर आग जला ली थी. बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरने से सभी पांचों लोग नींद में ही बेहोश हो गए. सुबह काफी देर तक कोई गतिविधि न होने पर दरवाजा खोला गया. इसके बाद सभी को तुरंत पावापुरी मेडिकल अस्पताल (VIMS) पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया, जबकि तीन की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.
मायके आई थी बेटी, तभी हुआ हादसा
मृतक के परिजन नीतीश कुमार ने बताया कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार एक साथ था. दरअसल, मृतक यादव की बेटी इंदु देवी का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था. स्वास्थ्य लाभ और आराम के लिए वह अपने बच्चों के साथ मायके (त्रिलोकी बीघा) आई हुई थीं. शनिवार रात खाना खाने के बाद नाना, उनकी पत्नी सरो देवी, बेटी इंदु देवी, नतनी सपना कुमारी और नाती आशीष कुमार सभी एक ही कमरे में सोने चले गए.
Oxygen की कमी बनी जहर
ठंड ज्यादा होने के कारण परिवार ने कमरे को गर्म रखने के लिए बोरसी (अंगीठी) जला ली और दरवाजा-खिड़की पूरी तरह बंद कर लिए. रात भर बोरसी से निकली जहरीली गैस कमरे में भरती रही और ऑक्सीजन का स्तर गिरता गया. सुबह जब काफी देर तक कोई बाहर नहीं आया, तो अनहोनी की आशंका हुई. दरवाजा खोलने पर पांचों लोग अचेत अवस्था में मिले.
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परिजन रोहित कुमार और अन्य ग्रामीणों की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया गया. इलाज के दौरान 50 वर्षीय नाना श्री यादव और उनके छोटे नाती आशीष कुमार की मौत हो गई. वहीं, नानी सरो देवी, मां इंदु देवी और नतनी सपना कुमारी की हालत गंभीर बनी हुई है, और डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है.
बोरसी से कार्बन मोनोऑक्साइड खतरा
नवादा की यह घटना एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आई है. सर्दियों में अक्सर लोग बंद कमरे में हीटर, अंगीठी या बोरसी का इस्तेमाल करके सोते हैं, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस बन जाती है. यह गैस गंधहीन होती है और नींद में ही व्यक्ति की जान ले सकती है. विशेषज्ञ और प्रशासन दोनों की सलाह है कि आग जलाते समय हमेशा कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन (हवादार जगह) सुनिश्चित करें, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके.

