कहां वो चले गए…नहीं रहे जाने-माने लेखक और फिल्म समीक्षक Ajit Rai

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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देश के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और जाने माने फिल्म समीक्षक अजीत राय जी हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने लंदन में अंतिम सांसें ली. उनके निधन पर पूरी पत्रकारिता, सिनेमा और रंगमंच की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई. अजीत राय (Ajit Rai) भारत एक्सप्रेस का अभिन्न हिस्सा थे, वो भारत एक्सप्रेस के फ़िल्म संपादक के तौर पर फ़िल्म और फ़िल्म फेस्टिवल्स पर अपनी लेखनी से पाठकों को हमेशा नई दुनिया की सैर कराते रहते थे. उनका ऐसे चले जाना भारत एक्सप्रेस परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है. अजीत राय जी न सिर्फ एक लेखक या समीक्षक थे, बल्कि हमारे लिए एक मार्गदर्शक, एक प्रेरणा और एक साथी थे. उन्होंने अपने लेखन और नजरिए से हमें हमेशा नया सोचने की दिशा दी.
भारत एक्सप्रेस के एडिटर इन चीफ और सीएमडी उपेंद्र राय जी ने भी इस दुखद क्षण पर गहरा शोक जताया. उन्होंने कहा, “7 जून को मेरे लंदन प्रवास के दौरान अजीत जी मेरे कमरे में हिल्टन पार्क लेन में आए थे और ये तस्वीरें मैंने खुद ली थीं. वे भारत एक्सप्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा थे. वे कान्स फिल्म फेस्टिवल की जूरी में थे और हर साल इस दौरान वहां जाया करते थे. लगभग दो महीने वहां रहकर वे मुंबई जाते थे, जहां वे हाल ही में दिल्ली से शिफ्ट हुए थे.उनका मन फिल्मों और उनकी बारीकियों में रमता था.
फिल्म की आलोचना में उनकी गहरी पैठ थी. देश ने आज एक उम्दा फिल्म क्रिटिक खो दिया. मेरे और मेरे भारत एक्सप्रेस परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. मेरे जीवन में अजीत जी का एक कोना हमेशा खाली रहेगा. आज मेरे लिए यह एक अत्यंत भावुक क्षण है, क्योंकि वे मुझसे करीब 24 वर्षों से जुड़े हुए थे.”

राज्यसभा के उपसभापति ने दी श्रद्धांजलि

अजीत राय जी के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) ने भी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार, मशहूर फिल्म समीक्षक अजीत राय जी के आकस्मिक निधन की खबर मिली।विश्वास नहीं हो रहा. उनसे पुराना आत्मीय संबंध रहा. कुछ माह पहले ही एक आयोजन में उनसे मुलाकात हुई थी. अजीत जी की आत्मा की शांति की कामना.

अजीत राय जी की कला किसी एक भाषा या एक विधा तक सीमित नहीं थी. वो रायपुर फिल्म फेस्टिवल से लेकर कान्स तक, हर बड़े मंच पर सक्रिय थे. उन्होंने सिर्फ खबरें नहीं दीं, बल्कि पाठकों को यह भी बताया कि सिनेमा हमारे समाज को कैसे प्रभावित करता है, वह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि विचार और बदलाव का जरिया भी है.

युवाओं के मार्गदर्शक थे Ajit Rai

वे केवल फिल्म समीक्षक नहीं थे, एक सच्चे गाइड थे, खासकर उन युवाओं के लिए, जो पत्रकारिता या फिल्मों की दुनिया में कुछ नया करना चाहते थे. उन्होंने न जाने कितने युवा पत्रकारों, लेखकों और फिल्म छात्रों का मार्गदर्शन किया, उन्हें मंच दिया और आगे बढ़ने का हौसला दिया.
आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो आंखें नम हैं लेकिन सीना गर्व से भी भरा है कि वे हमारे परिवार का हिस्सा रहे. उनका जाना अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके विचार, उनके मूल्य और उनकी कलम का जादू हमेशा हमारे साथ रहेगा.
भारत एक्सप्रेस परिवार की ओर से हम उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
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