दिल्ली में AQI 348: जहरीली हवा से हालात गंभीर, NCR भी प्रभावित

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को पूरे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़कर लगभग 348 तक पहुंच गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में माना जाता है. सुबह से ही घना स्मॉग और धुंध शहर के आसमान पर छाया रहा.

इन जगहों पर हालत गंभीर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अक्षरधाम और आनंद विहार में हालात सबसे ज्यादा गंभीर बने हुए हैं, जहाँ AQI 348 रिकॉर्ड किया गया. यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दमा, एलर्जी या हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं. इंडिया गेट पर भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं रही और यहाँ AQI 267 दर्ज हुआ. कई इलाकों में सुबह के समय इतनी घनी धुंध छाई रही कि दृश्यता पर भी बड़ा असर देखा गया.

सुधार होने के अनुमान

हालांकि बीते दिनो से चल रही तेज हवा से प्रदूषण में हल्का सा सुधार देखने को मिला था, लेकिन यह राहत लंबे समय तक टिक नहीं सकी. हवा की गुणवत्ता अब भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है. CPCB का अनुमान है कि रविवार तक भी AQI में बड़ा सुधार होने की संभावना नहीं है, जिसके कारण अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. ध्यान देने वाली बात है कि गुरुवार को भी दिल्ली का औसत AQI 304 दर्ज किया गया था, और हवा में मौजूद PM10 व PM2.5 कणों का स्तर सुरक्षित सीमा से काफी अधिक पाया गया था.

अलग नहीं NCR की हालत

दिल्ली के साथ-साथ NCR का हाल भी कुछ अलग नहीं है. नोएडा में AQI 308, गाजियाबाद में 302, गुरुग्राम में 293 और ग्रेटर नोएडा में 285 रहा, जो सभी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आते हैं. इन आंकड़ों से साफ है कि पूरे क्षेत्र में प्रदूषण का असर फैला हुआ है और हवा लगातार लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है.

क्या है बढ़ते प्रदूषण की वजह?

वाहनों से निकलने वाला धुआँ कुल प्रदूषण में लगभग 14% योगदान देता है. निर्माण कार्यों के कारण करीब 2% प्रदूषण उत्पन्न होता है, जबकि घरेलू गतिविधियों और कचरा जलाने से यह आंकड़ा 3% से भी अधिक हो जाता है. इसके साथ ही पेरिफेरल इंडस्ट्रियल ज़ोन से होने वाला प्रदूषण लगभग 7% तक पहुँचता है. सर्दियों में हवा की रफ़्तार कम होने के कारण ये सभी प्रदूषक जमीन के पास ही जमा हो जाते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता और अधिक खराब होती जाती है.

दिल्ली सरकार ने उठाए ये कदम

इस एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए दिल्ली सरकार का पूरे शहर में 305 मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने की प्रक्रिया जारी है, जिससे हवा में मौजूद धूल और प्रदूषकों को जमीन पर बैठाया जा सके. सरकार ने नौ प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं और इन क्षेत्रों में मिस्ट सिस्टम को प्राथमिकता के साथ स्थापित किया जा रहा है.

साथ ही मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे धूल, कचरा और अन्य नगर-समस्याओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए MCD 311 ऐप का उपयोग करें, ताकि इन मुद्दों का जल्द समाधान किया जा सके.

यह भी पढ़े: डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला, G-20 2026 समिट से दक्षिण अफ्रीका को दिखाया बाहर का रास्ता

Latest News

एनवीडिया समर्थित कोहेसिटी भारत में 5 वर्षों में 1 अरब डॉलर का करेगी निवेश: सीईओ संजय पूनन

एनवीडिया और जापान की सॉफ्टबैंक समर्थित डेटा सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनी कोहेसिटी अगले पाँच वर्षों में भारत में अपने इंजीनियरिंग...

More Articles Like This

Exit mobile version