DRDO: ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में सोमवार को पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (एलआरजीआर 120) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. रॉकेट का परीक्षण इसकी अधिकतम 120 किलोमीटर की रेंज के लिए किया गया. रॉकेट ने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा.
इस दौरान तैनात सभी रेंज उपकरणों ने पूरी उड़ान पथ के दौरान रॉकेट पर नजर रखी. इस रॉकेट को आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) द्वारा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से और रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) तथा इमारत अनुसंधान केंद्र के समर्थन से डिजाइन किया गया है.
बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन
इस परीक्षण उड़ान का समन्वय इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट द्वारा किया गया था. एलआरजीआर को सेवा में मौजूद पिनाका लॉन्चर से प्रक्षेपित किया गया, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ और एक ही लॉन्चर से अलग-अलग रेंज के पिनाका वेरिएंट को प्रक्षेपित करने की क्षमता सिद्ध हुई.
राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेटों के सफल डिजाइन और विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि होगी और इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने परीक्षण का अवलोकन किया और मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सभी टीमों को बधाई दी.
पिछले साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अनंतिम स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (पीएसक्यूआर) सत्यापन परीक्षणों के अंतर्गत निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किए थे. ये उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फायरिंग रेंजों पर किए गए.
दो चालू पिनाका लॉन्चरों से 12 रॉकेटों का परीक्षण
इन परीक्षणों के दौरान रॉकेटों के व्यापक परीक्षण द्वारा पीएसक्यूआर मापदंडों, जैसे कि मारक क्षमता, सटीकता, स्थिरता और एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की दर का आकलन किया गया. प्रत्येक उत्पादन एजेंसी द्वारा उन्नत किए गए दो चालू पिनाका लॉन्चरों से बारह रॉकेटों का परीक्षण किया गया.
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